बाजपुर से गायब दो किशोरियां मुंबई से बरामद
संवाद सहयोगी, बाजपुर : क्षेत्र की दो नाबालिग किशोरियां लगभग दस दिन पूर्व अचानक गायब हो गई थी।
संवाद सहयोगी, बाजपुर : क्षेत्र की दो नाबालिग किशोरियां लगभग दस दिन पूर्व गायब हो गई और मुंबई पहुंच गई। वहां वे एक सोशल वर्कर महिला के संपर्क में आई तो नारी निकेतन भेज दिया गया। जानकारी के बाद वहां पहुंचे परिजन दोनों को बरामद कर बाजपुर ले आए हैं। परिजनों ने गांव की ही युवती पर देह व्यापार में धकेलने के उद्देश्य से बहला-फुसलाकर साथ ले जाने का आरोप लगा कोतवाली में नामजद तहरीर दी है।
पुलिस चौकी दोराहा के अंतर्गत गांव निवासी दो किशोरियां तीन नवंबर को अचानक गायब हो गई थी। परिजनों ने पुलिस में इसकी शिकायत की। इधर, किशोरियां यहां से दिल्ली होते हुए ट्रेन से मुंबई पहुंच गई। वहां वे बांद्रा रेलवे स्टेशन पर घूम रही थी कि सोशल वर्कर महिला के संपर्क में आ गई। उसने पूछताछ की तो पता चला कि भटक वे उत्तराखंड से मुंबई पहुंची हैं। महिला की मदद से दोनों को पुलिस के माध्यम से नारी निकेतन भेज दिया गया। नारी निकेतन प्रशासन की सूचना किशोरियों के परिजन उन्हें मुंबई से यहा ले आए हैं।
गुरुवार दोपहर दोनों किशोरियों को लेकर परिवार के लोग व कुछ ग्रामीणों के साथ कोतवाली पहुंचे, जहां गांव की ही युवती के खिलाफ नामजद दो अलग-अलग तहरीरें दी गई। उनका आरोप है कि आरोपित युवती दोनों किशोरियों को देह व्यापार में धकेलना चाहती थी। इसी वजह से वह उन्हें कपड़ा सिलाई के बहाने बहला-फुसलाकर साथ ले गई। समाचार लिखे जाने तक मामला दर्ज नहीं हुआ था। पुलिस ने दोनों किशोरियों के बयान दर्ज किए गए हैं। इंसेट::
कोतवाली में सुनाई आपबीती
कोतवाली में दोनों किशोरियों ने आप बीती सुनाई। उन्होंने पुलिस को बताया कि आरोपित युवती के साथ वे काशीपुर से दिल्ली पहुंची। वहां से ट्रेन में बैठकर तीसरे दिन सुबह करीब चार बजे मुंबई बांद्रा स्टेशन पर उतरी। उन्हें अपने साथ ले गई युवती उनके खाने के लिए कुछ लेकर आने की बात कह स्टेशन पर छोड़ चली गई, जिसका सुबह करीब 10 बजे तक इंतजार किया। बाद में एक मैडम ने उन्हें नारी निकेतन भेज दिया। मुंबई में मजदूरी करता है किशोरी का भाई
परिजनों ने बताया कि किशोरियों में से एक का भाई मुंबई में ही कोट-पेंट सिलाई का काम करता है, जो परिजनों से जानकारी मिलने पर अपनी बहन के पास पहुंच गया। लेकिन नारी निकेतन प्रशासन ने उसे किशोरियां सुपुर्द करने से इन्कार कर दिया। इसके चलते आठ नवंबर की सायं को परिवार के लोग मुंबई के लिए रवाना हुए थे।