बैग निर्माताओं का टर्नओवर 50 करोड़
जागरण संवाददाता रुद्रपुर कैरी बैग के निर्माण में लगी फर्मों का सालाना टर्नओवर करीब 50 क
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : कैरी बैग के निर्माण में लगी फर्मों का सालाना टर्नओवर करीब 50 करोड़ रुपए है, जबकि इसमें से पांच करोड़ रुपए की धनराशि अघोषित पाई गई। जिसमें कर चोरी, जुर्माना व ब्याज मिलाकर करीब डेढ़ करोड़ की धनराशि जीएसटी कार्यालय में जमा किया जाना है।
जीएसटी रुद्रपुर जोन के अधिकारियों ने छापेमारी की कार्रवाई में बड़े स्तर पर कर चोरी पकड़ी है। जिसमें पहले पांच करोड़ के सालाना टर्नओवर की बात कही गई। लेकिन छापेमारी के दौरान मिले कागजों की जांच में पाया गया कि सभी 13 प्रतिष्ठानों का कुल सालाना करोबार 50 करोड़ के पार है। जिसमें एसटीएफ की टीम अभी जांच पड़ताल में लगी हुई है। जीएसटी के अपर आयुक्त अनिल सिंह ने बताया कि आरोपितों को हियरिग के लिए शीघ्र ही बुलाया जाएगा। जिसके बाद कर चोरी का भुगतान लिया जाएगा।
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भ्रमित करके की कर चोरी
रुद्रपुर: पॉलीथिन बैग पर प्रतिबंध के बाद विकल्प के तौर पर लाया गया कैरी बैग भी नॉन वोवेन कहलाता है। जो कि फाइबर से बना हुआ है। इसके प्रयोग को मान्य करने की बड़ी वजह पर्यावरण अनुकूलन है। जिसमें यह कुछ समय के बाद अपने आप डिस्पोज हो जाता है। वहीं इसे रिसाइकिल करना भी आसान है। कपड़े की तरह दिखने के कारण इसे फैब्रिक बैग का नाम दे दिया गया है। इसी भ्रम का फायदा बैग निर्माता लंबे समय से पूरे देश में उठा रहे थे। कपड़े या कॉटन पर लगाए गए पांच प्रतिशत जीएसटी का ही भुगतान वह कर रहे थे। जबकि जीएसटी काउंसिल ने इसे 18 प्रतिशत के दायरे में रखा है।