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सात माह की लापता मासूम बरामद, तीन दबोचे

किच्छा में आशा कार्यकर्ता ने टुकटुक चालक के साथ मिलकर सात माह की मासूम को अगवा किया था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 12:11 AM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 06:13 AM (IST)
सात माह की लापता मासूम बरामद, तीन दबोचे

जागरण संवाददाता, किच्छा : आशा कार्यकर्ता ने टुकटुक चालक के साथ मिलकर सात माह की मासूम को उठाया था। चालक ने झोपड़ी से बच्ची को उठाकर आशा कार्यकर्ता व उसके पति के सुपुर्द कर दिया था। पुलिस ने आशा कार्यकर्ता उसके पति व चालक को हिरासत में ले बच्ची को बरामद कर तीनों को जेल भेज दिया। एसएसपी ने पुलिस टीम की सफलता पर ढाई हजार रुपये पुरस्कार देने का एलान किया है।

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मंगलवार की रात राजा पुत्र रामप्रसाद निवासी बिसौली जनपद बरेली उत्तर प्रदेश अपने ससुराल में परिवार के साथ सो रहा था। उसी झोपड़ी में उसके सास ससुर पत्नी व तीन बच्चे भी सोए थे। बुधवार की सुबह जब राजा उठा तो उसकी सात माह की बच्ची माही गायब थी। शोर-शराबा होने पर पूरा परिवार जाग गया और बच्ची की खोजबीन की लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर बच्ची की तलाश शुरू कर दी थी। रविवार दोपहर एसपी सिटी देवेंद्र पींचा ने खुलासा करते हुए बताया कि आशा कार्यकर्ता रंजना गौतम पत्नी अर्जुन कुमार निवासी अंबेडकर नगर ने टुकटुक चालक अरमान अली पुत्र मुन्ने निवासी वार्ड नंबर 12 किच्छा के साथ मिलकर बच्ची को उठाने की योजना बनाई थी। इस योजना में उसका पति अर्जुन कुमार पुत्र लालधर निवासी अंबेडकर नगर पिपलिया भी शामिल था। मंगलवार की तड़के तीन बजे अरमान ने बच्ची को उठा लिया और सिरोली मोड़ पर पिकअप लेकर खड़े अर्जुन कुमार व रंजना गौतम को सौंप दिया। इसके बाद दोनों ने बच्ची को अपने घर पर रख लिया। तलाश में जुटी पुलिस को बच्ची के अंबेडकर नगर में होने की सूचना मिली। पुलिस ने दबिश देकर रंजना व उसके पति अर्जुन कुमार को गिरफ्तार कर उनके पास से बच्ची को बरामद कर लिया। रंजना से पूछताछ के बाद पुलिस ने दबिश देकर टुकटुक चालक अरमान को भी गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया।

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तीन टीमें जुटी थीं तलाश में

बच्ची को बरामद करने के लिए पुलिस ने दिन रात एक कर दिया था। एसपी सिटी देवेंद्र पींचा ने पुलभट्टा में डेरा डाल दिया था। खुलासे के लिए तीन टीमों का गठन किया था। टीम-1 में एसआइ सुधाकर जोशी, विपिन जोशी, का. नीरज बिष्ट, पंकज बिलवाल, टीम-2 में एसओजी प्रभारी कमाल हसन, का. भूपेंद्र आर्य, कुलदीप, उमेश, राजेंद्र कश्यप, टीम-3 में टीम प्रभारी एसओ पुलभट्टा विनोद जोशी, एसआइ दिनेश चंद्र, एचसीपी चंद्र प्रकाश बवाड़ी, का. ललित चौधरी, बबलू गोस्वामी, दीपक जोशी, नरेंद्र पाल सिंह शामिल थे।

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15 दिन पूर्व भी किया था प्रयास

आशा कार्यकर्ता रंजना काफी दिनों से बच्ची को उठाने का प्रयास कर रही थी। इसके लिए उन्होंने राजा के परिवार से नजदीकियां भी बढ़ाई थी। बच्ची के लिए कुछ कपड़े भी दिए थे। उसके बाद रंजना ने टुकटुक चालक अरमान को बच्ची को उठाने के लिए 15 हजार रुपये देने का झांसा देकर तैयार किया। रंजना सीएचसी जाने के लिए अक्सर उस टुकटुक का प्रयोग करती थी। जिस पर 15 दिन पूर्व भी अरमान ने बच्ची को उठाने का प्रयास किया था, लेकिन बच्ची की नानी के उठने के कारण वह सफल नहीं हो पाया था।

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नहीं होने दिया किसी को शक

आशा कार्यकर्ता रंजना ने बच्ची को लेने के बाद किसी को कोई शक होने देने की गुंजाइश नहीं छोड़ी थी। इस दौरान वह लगातार अपनी डयूटी कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाती रही। घर पर उसका पति बच्ची को संभालता था। इतना ही नहीं उसके घर पर कोई बच्ची भी है इसकी भनक पड़ोसियों को भी नहीं लगी।


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