अंदर चली बैठक, बाहर हंगामा
जागरण संवाददाता काशीपुर नगर निगम में एक तरफ बोर्ड की बैठक चलती रही तो दूसरी तरफ ब
जागरण संवाददाता, काशीपुर: नगर निगम में एक तरफ बोर्ड की बैठक चलती रही तो दूसरी तरफ बाहर पार्षद हंगामा कर विरोध प्रदर्शन व नारेबाजी करते रहे। बैठक में बिजली, पानी, सड़क, प्रकाश व्यवस्था, तहबाजारी, ठेका, ई-रिक्शा व सफाई ही मुख्य मुद्दा बना रहा। वहीं पार्षदों ने मानदेय की भी मांग बोर्ड के समक्ष रखी जिस पर प्रस्ताव शासन को भेजने की बात कही गई है।
बैठक बुधवार को नगर निगम में हुई जो हंगामेदार रही। इस दौरान पार्षद दो धड़ों में बंट गए। कुछ अंदर तो कुछ बाहर थे। लोकसभा चुनावों के कारण निगम की बैठक बुलाने में विलंब हुआ। जिसमें कुल 13 बिदुओं पर विचार-विमर्श किया गया।दो बिदुओं को अगली बैठक तक स्थगित कर दिया गया। 40 पार्षदों में से महज 17 पार्षद ही बैठक में शामिल हुए। बैठक में पार्टीवाद भी दिखा। भाजपा के अधिकांश पार्षद अंदर थे तो अन्य पार्षद बाहर दिखे।
बैठक का बहिष्कार करने वाले पार्षद बहिष्कार कर नारे लगाकर विरोध-प्रदर्शन करते रहे। उनका आरोप था कि नगर निगम ई-रिक्शा वालों का शोषण, सड़कों पर लगे सबमर्सिबल पर टैक्स वसूली तथा पहले की बैठकों में स्वीकृत कामों का क्रियान्वयन अभी तक नहीं हो पाया है। बहिष्कार की मुख्य वजह नियमानुसार 96 घंटे पूर्व नगर निगम की तरफ से पार्षदों को ऐजेंडा न देना भी था। लेकिन बाद में कुछ पार्षद बैठक में शामिल हो गए। सूत्रों के मुताबिक अंदर से कुछ पार्षद बाहर वालों को भी अंदर हस्ताक्षर करने के लिए फोन करते रहे। कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने अंदर-बाहर दोनों जगह हस्ताक्षर किए। बावजूद इसके विरोधी पार्षद ही संख्याबल में भारी पड़े।
बैठक में मेयर ऊषा चौधरी, सहायक नगर आयुक्त एलएन मिश्र, डॉ. अमरजीत सिंह, विकास कुमार, शिवेंद्र सिंह व पार्षदों में बीना नेगी, दीपचंद जोशी, अनिल कुमार, मीनाक्षी सिद्धू, गुरविदर सिंह चंडोक, गंधार, सीमा टंडन, विनेश चौधरी आदि मौजूद रहे।
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== इनसेट.
इन बिदुओं पर हुआ विचार-विमर्श
ई-रिक्शा संचालन पर जुर्माना, ग्राम समाज की शासकीय संपत्ति को अपने अधिकार में लेने व अपने संपत्ति अभिलेखों पर विचार, तहबाजारी व ठेके पर विचार, खाली भूमि पर दुकान बनाने, होíडंग्स, पाíकंग व जनरेटर तथा अन्य सभी प्रकार के ठेकों को 15 दिन में कराने, हैंडपंप रिपेयर के लिए टेंडर, परिसीमन व व्यावसायिक परिस्थिति को देखते लागू दरों में संशोधन, नए परिसीमन में सम्मिलित क्षेत्रों में वाणिच्यिक कर वसूली, सड़क, नाली, खड़ंजे के साथ समय-समय पर क्रय सामग्री व अखबारों के लंबित भुगतान 15 दिनों में करने, पार्षदों को प्रतिमाह मानदेय भुगतान, निगम में रखी बेकार सामग्री की नीलामी, वाणिच्यक भवनों, मॉल, बैंक व प्रतिष्ठानों पर कर निर्धारण आदि पर विचार-विमर्श किया गया।
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होटलों पर बढ़ सकता है टैक्स
बैठक में होटलों पर टैक्स बढ़ाने की बात कही गई। मेयर ने पार्षदों से राय मांगी कि होटलों से काफी कूड़ा आता है और टैक्स काफी कम मिलता है। अब कोई भी पार्टी आयोजित करने के पूर्व नगर निगम से होटल मालिकों को रसीद कटवाई जाए। इस पर सभी पार्षदों ने सहमति जताई।
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शासन माना तो पार्षदों को मिलेगा 25 हजार मानदेय
बैठक में पार्षदों के मानदेय को लेकर काफी गहमागहमी रही। पार्षद 30 हजार मानदेय की मांग कर रहे थे। अंत में 25 हजार पर बोर्ड में सहमति बनी। मेयर ने कहा कि प्रस्ताव को शासन को भेजा जाएगा।
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