बिछुड़ने का गम भूल मिलने की खुशी में छलके आंसू
सखी वन स्टॉप सेंटर महिलाओं की मदद में काफी सक्रिय भूमिका निभाई जिसकी वजह से बच्चों संग बिछड़ी महिला अपने परिजनों से मिल सकी।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : सखी वन स्टॉप सेंटर महिलाओं की मदद में काफी सक्रिय भूमिका निभा रहा है। गोरखपुर उत्तर प्रदेश से तीन साल पहले मायके से दो बच्चों के साथ गायब महिला कुंडा में मिली तो पुलिस ने रुद्रपुर स्थित वन स्टॉप सेंटर के हवाले कर दिया। सेंटर की प्रशासक ने छह दिन में ही महिला के घर को ढूंढ निकाला। सेंटर पर जैसे ही भाई व भाभी से महिला मिली तो वे बिछुड़ने का गम भूल गए और उनके आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। यह देख सेंटर के कर्मचारी भी भावुक हो गए।
दो बच्चों के साथ महिला फुटपाथ पर रहकर लोगों से भीख मांगकर जीवनयापन कर रही थी। दो दिसंबर को फूटपाथ पर कुंडा थाना जसपुर पुलिस को लावारिश रुप में मिली तो महिला व दोनों बच्चों को तीन दिसंबर को रुद्रपुर स्थित वन स्टॉप सेंटर के हवाले कर दिया। इसके बाद सेंटर की प्रशासक कविता बडोला ने काउंसलर के साथ महिला की काउंसलिग की। महिला को पहनने के लिए साड़ी दी। काफी मशक्कत के बाद महिला ने अपना नाम सरोजना पत्नी जवाहर निवासी नगवा जैतपुर, जिला गोरखपुर उत्तर प्रदेश निवासी बताया। करीब 35 वर्षीय सरोजना के साथ उसकी 10 वर्षीय बेटी रीमा व पांच वर्षीय बेटा भकेलू था। वह बच्चों के साथ तीन साल पहले गायब हो गई थी। कविता ने महराजगंज व गोरखपुर स्थित सखी वन स्टॉप सेंटर में मोबाइल पर संपर्क किया तो महराजगंज सेंटर के सहयोग से महिला का पता मिल गया। इसके बाद महिला के मायके में संपर्क किया तो उसके भाई रामचरन से बात हुई। भाई ने दोनों बच्चों के साथ बहन के गायब होने की बात स्वीकार ली। साथ ही उसने नौ दिसंबर को बहन व भांजे को साथ ले जाने की बात कही। सोमवार को महिला की भाभी निर्मला पत्नी बगेदू व भाई धर्मपाल केंद्र पर पहुंचकर बहन व भांजे से मिले तो सभी एक दूसरे के गले से लिपट गए। सभी के आंखों से खुशी के आंसू टपकने लगे। यह नजारा देख सेंटर के कर्मचारी भी भावुक हो गए। प्रशासक कविता बडोला ने बताया कि महिला मानसिक रुप से थोड़ी कमजोर है। पहले महिला ने मायके ग्राम बरी जिला गोरखपुर उत्तर प्रदेश से तीन साल पहले गायब होने की बात कही थी। बार बार काउंसलिग करने से सही पता चला।
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बस व ट्रेन से पहुंची जसपुर
बस व ट्रेन के माध्यम से भटकते हुए जसपुर पहुंच गई। इस दौरान कभी मंदिर में तो कभी फुटपाथ पर रात गुजारती थी। धर्मपाल को सरोजना का मानसिक अस्पताल में इलाज कराने की सलाह दी। इससे पहले भी गुमशुदा सात महिलाओं को उनके घर पहुंचाया जा चुका है। इस मौके पर एसआइ ललिता पांडेय,, परामर्श ममता कुशवाहा अनुराधा, ज्योति आदि शामिल थीं।