काशीपुर आइआइएम में 'समन्वय'-डिजिटल अध्याय-4 का आयोजन
काशीपुर स्थित भारतीय प्रबंध संस्थान के कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि कोराना काल में स्व निर्देशित संस्कृति का विकास हुआ।
जागरण संवाददाता, काशीपुर : भारतीय प्रबंध संस्थान, काशीपुर के कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि कोरोना महामारी के काल में स्व निर्देशित संस्कृति का भी माहौल विकसित हुआ। इसमें मिसिग माइंडसेट सिड्रोम से लेकर बहुतायत मानसिकता सिड्रोम तक की गति बढ़ गई है। आनलाइन वाíषक मानव संसाधन-सम्मेलन 'समन्वय'-डिजिटल अध्याय-4 का यह कार्यक्रम 'द पैराडाइम ऑफ 4.0' थीम पर आधारित था और कोरोना संक्रमण को देखते आनलाइन के साथ यू-ट्यूब पर भी लाइव हुआ।
कुंडेश्वरी एस्कार्ट फार्म स्थित आइआइएम संस्थान में आनलाइन कार्यक्रम की शुरुआत मानद पैनल के स्वागत के साथ हुई। जैक्वार ग्रुप के लर्निग एंड डेवलपमेंट प्रमुख रोहन बसोत्रा, पार्टनरिग कंच्यूमर हेल्थकेयर एचआर बिजनेस सुमी सैम जॉर्ज, फ्लिपकार्ट के सहायक निदेशक (एचआर) डा. शशि कांत व जॉन कॉकरिल इंडिया उप महाप्रबंधक मानव संसाधन श्रीकांत कल्याणसुंदरम उपस्थित थे। इसके बाद आइआइएम काशीपुर के पूर्व छात्र जसकीरत सिंह, एचआर बिजनेस पार्टनर्स, कार्स-24 ने कार्यक्रम का उद्घाटन कर अपने विचार रखे। श्रीकांत ने टिप्पणी की कि फ्रंटलाइन कर्मचारियों ने वर्क फ्रॉम होम के माहौल में ठीक से अनुकूलन करने के लिए वस्तुत: नए कौशल सीखे हैं। अब वे उन प्रथाओं को व्यावहारिक रूप से अपने वास्तविक कार्यक्षेत्रों में लागू कर रहे हैं। रोहन ने उद्योग में लगातार नए बदलावों के अनुकूलन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। सुमी सैम जार्ज ने कर्मचारी संबंधों पर महामारी के दोहरे प्रभावों को दोहराया। साथ ही काम के माहौल में संतुलन बनाने के लिए हाइब्रिड मॉडल में बदलाव की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। शशिकांत ने कहा कि प्रबंधन को हर तिमाही में कर्मचारियों के कार्य समीक्षा की प्रक्रिया शामिल करनी चाहिए।