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राइस मिलें बंद होने से रेलवे का राजस्व भी घटा

एक वक्त था जब कई रैक से एफसीआइ का लेवी चावल आता था।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Jan 2020 07:42 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jan 2020 07:42 PM (IST)
राइस मिलें बंद होने से रेलवे का राजस्व भी घटा
राइस मिलें बंद होने से रेलवे का राजस्व भी घटा

जागरण संवाददाता, काशीपुर : एक वक्त था जब कई रैक से एफसीआइ का लेवी चावल आता था जिससे रेलवे की आमदनी भी काफी होती थी, लेकिन धीरे-धीरे यह चावल आना बंद हो गया और इसके साथ ही राइस मिल भी काफी कम होने लगी। नतीजा यह रहा कि अब रैको से उतना चावल और अन्य सामान आना बंद हो गया। जिससे अब पहले की अपेक्षा राजस्व काफी कम मिलने लगा है। मौजूदा स्थिति की अगर बात करें तो देखते हैं कि काशीपुर तो राजस्व के मामले में हीरो बना हुआ है, लेकिन बाजपुर जीरो होता जा रहा है। तभी से रेलवे की आमदनी घटती चली गई।

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सन 2011-12 एफसीआइ में ज्यादा चावल मिलता था। उस दौरान राइस मिलर भी अधिक थे। एक आंकड़ा देखे तो उस दौरान 272 के करीब राइस मिल काशीपुर और बाजपुर में मिलाकर थी। जिससे सरकार कई रैकों से चावल भेजती थी और उसको अधिक राजस्व मिल जाता था, लेकिन जबसे एफसीआइ ने चावल लेने से मना कर दिया। उसके बाद से ही यह हाल रहा कि राजस्व धीरे-धीरे घटने लगा। नतीजा यह हुआ कि अब सिर्फ सीमेंट, खाद और अनाज-गल्ला ही आ पाता है। जिससे माल लाने ले जाने में उनका मुनाफा नहीं हो पाता। अब राइस मिल नाम के लिए रह गई है। अब सिर्फ 70 से 80 राइस मिलें ही रह गई हैं। जिससे कम राजस्व ही इकट्ठा हो पाता है, लेकिन सिर्फ पेट्रोल आदि से ही रेलवे को अधिक मुनाफा हो पाता है। बता दें कि माल का राजस्व प्रति किलोमीटर के हिसाब से ही मिलता है। एक रैक में 42 डिब्बे लगे होते हैं। जिसमें 2700 टन माल आ पाता है।

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बाजपुर में राजस्व कम

बाजपुर स्टेशन की अगर बात करें तो काशीपुर की अपेक्षा बाजपुर में सबसे कम रह गया है। यहां पर तीन रैक रह गई हैं और यहां पर अप्रैल से लेकर अब तक सिर्फ एक करोड़ का ही राजस्व मिल सका है। जबकि काशीपुर में भी पहले की अपेक्षा कम ही रह गया है। यहां 16 रैक में अब दिसंबर तक नौ करोड़ 23 लाख 21 हजार 790 रुपये का राजस्व मिल रहा है, लेकिन पहले की अपेक्षा राइस मिल बंद होने से काफी कम रह गया है।

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पहले की अपेक्षा राजस्व काफी कम रह गया है। रेलवे में पहले आमदनी थी। टन से माल आता था और सबसे अधिक चावल आता था, लेकिन धीरे-धीरे राइस मिले बंद होने से काफी घाटा हुआ है। अब यहां सिर्फ सीमेंट, भूसा, खाद ही सप्लाई हो पाती है। इसके बाद बाजपुर में भी काफी कम राजस्व रह गया है।

-संजय कुमार राय, मुख्य वाणिच्य अधीक्षक, रेलवे, काशीपुर


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