वन्य जीवों के लिए जानलेवा बन रहा आबादी क्षेत्र
भोजन और पानी की तलाश में भटककर आबादी की ओर आ रहे जंगली जानवर हादसों का शिकार हो रहे हैं।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर :
भोजन और पानी की तलाश में भटककर आबादी की ओर आ रहे जंगली जानवर संकट में हैं। बीते छह माह के भीतर ही हाथी, जंगली बिल्ली और तेंदुआ समेत आधा दर्जन से अधिक जानवरों की मौत हो चुकी है। बावजूद इसके वन महकमा जानवरों की हादसों में हो रहे मौतों पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है।
जिले से सटे जंगलों में हाथी, बाघ, तेंदुआ, जंगली बिल्ली, चीतल, नील गाय आदि अक्सर भोजन और पानी की तलाश में भटकते हुए रिहायशी क्षेत्रों में आ जाते हैं। इससे जहां वे मनुष्यों और फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, वहीं शिकारियों के साथ ही कुत्तों का शिकार हो रहे हैं। इसके अलावा जंगली जानवर वाहनों की चपेट में आकर मर रहे हैं। वन विभाग के मुताबिक जुलाई 2018 से अब तक जंगल से भटककर आए आधा दर्जन से अधिक जंगली जानवरों की असमय मौत हो चुकी है। इसमें जुलाई 2018 में पंतनगर में जंगल से भटककर आए हाथी की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी। अगस्त में पंतनगर से सटे बरेली रोड में गर्भवती चीतल भी बाइक से टकरा गई थी, जिसकी बाद में मौत हो गई थी। चार दिसंबर को किच्छा रोड स्थित देवरिया टोल प्लाजा में वाहन की टक्कर से जंगली बिल्ली और आठ दिसंबर को काशीपुर रोड पर नील गाय की मौत हो गई थी। 13 जनवरी को पंतनगर में शिकारियों के फंदे में फंसकर तेंदुए की मौत हो गई थी। लगातार जंगली जानवरों के साथ हो रही घटनाओं के बावजूद वन महकमा खामोश बैठा हुआ है।