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छात्रवृत्ति घोटाले में बैंकों की भूमिका की जांच करेगी पुलिस

काशीपुर में छात्रवृत्ति घोटाले में अब कोतवाली पुलिस बैंकों की भूमिका की जांच करेगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 11:24 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 11:24 PM (IST)
छात्रवृत्ति घोटाले में बैंकों की भूमिका की जांच करेगी पुलिस

जासं, काशीपुर: छात्रवृत्ति घोटाले में अब कोतवाली पुलिस बैंकों की भूमिका की जांच करेगी। घोटाले का पूरा खेल जनधन के नाम पर खाते खोल कर किया गया है। ऐसे में विवेचक ने बैंकों के दस्तावेजों की जांच करने का फैसला लिया है। अगर खाते खोलने में लापरवाही मिली तो कई बैंक अधिकारी व कर्मचारियों की गर्दन फंस सकती है। मामले में समाज कल्याण विभाग की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

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काशीपुर कोतवाली में अब तक छात्रवृत्ति घोटाले में कुल पांच केस दर्ज हो चुके हैं। सभी केसों में बैंकों की भूमिका को लेकर सवाल उठाए जाते रहे हैं। शनिवार रात दर्ज हुए केस में कहा गया है कि बैंकों में खाते खोलकर जालसाजों ने पैसा हड़पा था। ऐसे में विवेचना में संबंधित बैंकों की भूमिका की जांच जरूरी बताई जा रही है। तहरीर में एसआइटी प्रभारी ने कहा कि खाते खोले जाने के विषय में जब बैंक अधिकारियों से पूछा गया तो उनका कहना था कि उच्च अधिकारियों की ओर से जनधन योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा खाते खोलने का आदेश दिया गया था। इस दौरान यह खाते खोले गए, बाद में इन्हीं खातों के द्वारा पैसा हड़प लिया गया। अब कोतवाली पुलिस जांच करेगी कि जिन खातों का प्रयोग छात्रवृत्ति घोटाला करने के लिए किया गया, वह खाते कितने सही हैं। कहीं खाता खोलने के दौरान भी तो कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया गया। खाता खोलने में बैंक अधिकारी व कर्मचारियों की भूमिका तो नहीं है। इसको लेकर गहनता से पड़ताल की जाएगी। दूसरी ओर, इन मुकदमों में समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता उजागर हुई है। अधिकारियों पर दलालों और कालेजों के साथ साठगांठ कर फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति देने का आरोप है। बाहरी राज्यों के शैक्षिक संस्थानों में एससी, एसटी और ओबीसी के 3024 छात्रों को प्रवेश दिखाकर छात्रवृत्ति बांट दी गई। एसआइटी जांच में अब तक तीन हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं के दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन किया जा चुका है। इसमें 1400 पात्र छात्र-छात्राएं सामने आए, जबकि 1200 छात्रों को बिना दाखिले के करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति दी गई। 100 ऐसे छात्र-छात्राएं मिले जिनके जिनका नाम केवल सूची में शामिल है। कई छात्र तो ऐसे हैं, जिनके प्रमाण पत्र व निजी दस्तावेजों के आधार पर खाते खोलकर पैसे की निकासी भी कर ली गई है। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों व कर्मियों ने नियमों का ताक पर रखकर इस फर्जीवाड़े में पूरा साथ निभाया है। विवेचक एसएसआइ सतीश चंद्र कापड़ी ने बताया कि एसआइटी की तहरीर में बैंकों की भूमिका का जिक्र किया गया है। विवेचना के दौरान बैंकों की भूमिका की विस्तार से जांच की जाएगी। जल्द ही बैंकों से दस्तावेज मांगे जाएंगे। समाज कल्याण विभाग की भूमिका की भी जांच चल रही है।


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