कंक्रीट के जंगल पर उगा दिए धान
रुद्रपुर जिले में धान तौल को लेकर एक से बढ़कर एक कारनामे किए जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : जिले में धान तौल को लेकर एक से बढ़कर एक कारनामे किए जा रहे हैं और प्रशासन तथा खाद्य विभाग चुप्पी साधे बैठे हैं। वहीं, ओर किसान और सरकार को चपत लग रही है। पहले गन्ने के रकबे को धान का दिखाकर तौल कराने का मामला सामने आया था, यह मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा कि फिर से कालोनी और प्लाटिग की जमीन को धान का रकबा दिखाकर तौल कराया जा रहा है।
उत्तराखंड में धान के एमएसपी यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ भले ही पूर्ण रूप से किसानों को न मिल रहा हो, लेकिन बिचौलिए, कच्चे आढ़ती और मिली जुली सरकारी खरीद के अधिकारियों और कर्मचारियों को खूब मिल रहा है। कुछ दिनों पहले किच्छा, खटीमा, जसपुर, सितारगंज सहित अन्य कुछ क्रय केंद्रों पर धान खरीद में धांधली होने की शिकायत मिली थी। इसमें उत्तर प्रदेश से सस्ते रेट में धान यहां लाकर किसान से मिलीभगत कर उसके गन्ने के रकबे को धान का दिखाकर तौल कराने का मामला सामने आया था। शिकायत पर इसकी जांच भी प्रशासन की ओर से चल रही है। जबकि खाद्य विभाग ने गन्ना विभाग से किसानों की सूची भी क्रय केंद्रों पर उपलब्ध करा दी है। इसके बाद भी धांधली करने वालों पर नकेल कसने में फेल हो रहे हैं। अब नई शिकायत फिर सामने आई है। जसपुर के क्रय केंद्र प्रभारियों ने एआर सहकारिता से शिकायत की है। कहा है कि वहां के कुछ क्षेत्रों से जिनमें प्लाटिग हुई है या आवास बने हैं उन्हें धान के रकबे में दिखाकर तौल कराई जा रही है। ऐसे में सिर्फ जसपुर ही नहीं बल्कि अन्य ब्लाकों के भी यही हाल है। जिस भूमि की प्लाटिग कर दी गई और कालोनी का निर्माण हो रहा है उनके नाम पर भी धान की तौल कराने की संभावना है। --------------
जसपुर से प्लाटिग की भूमि पर धान का रकबा दिखाकर तौल कराने की शिकायत मिली है। संबंधित क्रय केंद्र प्रभारी को इस तरह के मामले सामने आने पर एसडीएम से शिकायत करने के लिए कहा है। जसपुर के अलावा अन्य ब्लाकों में भी ये हालात हो सकते हैं। फिलहाल और कहीं से शिकायत नहीं मिली है।
- हरिश्चंद्र खंडूरी, सहायक निबंधक, सहकारिता एवं खरीद नोडल अधिकारी, ऊधम सिंह नगर