रुद्रपुर में प्रकाश पर्व पर गुरुवाणी व कीर्तन से संगत निहाल
रुद्रपुर गुरु गोबिद सिंह के प्रकाश पर्व पर दूर-दराज से आए रागी जत्थों ने गुरुवाणी का बखान किया।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर: गुरु गोबिद सिंह के प्रकाश पर्व पर दूर-दराज से आए रागी जत्थों ने गुरुवाणी व कीर्तन कर संगत को निहाल कर दिया। मंगलवार को देर रात गुरुद्वारे में कथा का आयोजन किया गया। जिसमें गुरु गोबिंद सिंह की वीरता व साहस की कहानी सुनकर लोग जोश से भर गए।
प्रकाश पर्व का आयोजन आवास-विकास स्थित दशमेश नगर गुरुद्वारे में हुआ। मंगलवार को सुबह आठ बजे से ही अनुयायी गुरुद्वारे में एकत्र होने लगे। जहां आकर्षक तरीके से गुरुद्वारे के बाहर भी पांडाल सजाया गया। जबकि रात में गुरुद्वारे रंगीन रोशनी से आकर्षक लग रहा था। गुरुद्वारे में पूरी श्रद्धा के साथ धाíमक दीवान सजाया गया। जहां मत्था टेकने के लिए दिन भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
लुधियाना से आए कथाकार नक्षत्र सिंह ने गुरु गोबिद सिंह के साहबजादों के शहादत का माíमक प्रसंग बयान किया। जिसे सुनकर लोगों की आंखें नम हो गई। अमृतसर दरबार साहिब से आए संदीप सिंह ने भी उनके बारे में कथा सुनाई।
गुरुद्वारे के प्रधान सोमपाल सिंह ने बताया कि आज्ञा भई अकाल की तभी चलायो पंथ, सब सिखन को हुक्म है गुरु मानियो ग्रंथ। ऐसे में अब गुरु ग्रंथ साहिब के निर्देशों का ही अनुगमन करना है। गुरुद्वारे में लोगों ने लंगर छका। वहीं बाहर दुकाने लगने से छोटा सा मेला भी हो गया। इस दौरान गुरुद्वारे के बाहर काफी लोग मौजूद रहे।
इस मौके पर सोमपाल सिंह, इंद्रजीत सिंह, अवतार सिंह, बलविदर सिंह, कुलजीत सिंह, गुरदीप सिंह, सुरेंद्र सिंह, हरबक्स सिंह, प्रीतम सिंह, मंजीत सिंह, चरनजीत सिंह, श्रद्धा सिंह, रंजीत सिंह आदि मौजूद थे।