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अब नेपाल में हरितक्रांति की इबारत लिखेगा पंत विवि

संवाद, सहयोगी, पंतनगर : जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से निकली शिक्षा, शोध एवं प्रसार

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 08:01 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2018 08:01 PM (IST)
अब नेपाल में हरितक्रांति की इबारत लिखेगा पंत विवि

संवाद, सहयोगी, पंतनगर : जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से निकली शिक्षा, शोध एवं प्रसार की त्रिवेणी अब नेपाल में हरित क्रांति की अलख जगाएगी। रविवार को 'कृषि में भारत-नेपाल में नई साझेदारी' के तहत कृषि क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएं तलाशने पंत विवि पहुंचा नेपाली वैज्ञानिकों का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दो दिवसीय भ्रमण कर सोमवार को वापस लौट गया। इस दौरान नेपाली वैज्ञानिकों ने पंत विवि द्वारा चलाए जा रहे शिक्षा, शोध एवं प्रसार कार्यक्रमों की प्रशंसा करते हुए नेपाल की कृषि में पंत विवि का सहयोग लेने पर सहमति जताई। शीघ्र ही कार्ययोजना को अमलीजामा पहनाकर भारत-नेपाल मैत्री संबंधों को एक नया आयाम देने की बात कही।

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सोमवार को विवि कुलपति प्रो. एके मिश्रा ने पत्रकार वार्ता में भारत और नेपाल के बीच में अच्छे संबंध बनने की खुशी को जाहिर करते हुए बताया कि उत्तराखंड और नेपाल की जलवायु, कृषि, संस्कृति एवं सामाजिक रूप से समान है, और पंत विवि नेपाल की कृषि के विकास में अहम भूमिका निभा सकता है। बताया कि नेपाल के प्रतिनिधिमंडल ने आज दूसरे दिन पंत विवि के उद्यान अनुसंधान केंद्र, प्रजनक बीज उत्पादन केंद्र, विवि फार्म, नारमन ई. बोरलॉग फसल अनुसंधान केंद्र, शैक्षणिक कुककुट फार्म, विवि पुस्तकालय, केएन शुक्ला केंदीय कंप्यू¨टग सुविधा आदि का भ्रमण कर इनकी कार्य प्रणाली के बारे में जानकारी ली। कुलपति सभाकक्ष में एक बैठक का आयोजन हुआ नेपाली प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे डॉ. योगेंद्र कुमार कार्की ने दो दिन के भ्रमण के बाद पंतनगर की विभिन्न तकनीकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि नेपाल पंत विवि के साथ कृषि, औद्यानिकी, फसलोत्पादन और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में सहयोग की उम्मीद करता है। उत्तराखंड और नेपाल के क्षेत्र और जलवायु काफी हद तक समान है और इन क्षेत्रों में जैविक खेती एवं एकीकृत खेती पर कार्य किया जा सकता है। नेपाल में फलोत्पादन और फूलोत्पादन की काफी संभावनाएं हैं, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी मांग है। पंत विवि के सहयोग से इनके उत्पादन में वृद्धि कर निर्यात भी किया जा सकता है। कार्की ने कहा कि यह सभी नेपाल की कृषि को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। कार्यक्रम के प्रारंभ में अधिष्ठाता कृषि डॉ. जे. कुमार; अधिष्ठाता गृह विज्ञान डॉ. रीता ¨सह रघुवंशी और अधिष्ठाता मत्स्य विज्ञान डॉ. आईजे ¨सह ने अपने-अपने महाविद्यालयों के शिक्षण, शोध एवं प्रसार के बारे में जानकारी दी। अंत में कुलसचिव डॉ. एपी शर्मा ने सभी का धन्यवाद किया। कुलपति प्रो. मिश्रा ने नेपाल से आए पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान करते हुए शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया।


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