मिठाई में न हो मिलावट का जहर, रखें विशेष नजर
दीपावली पर्व पर बाजार में बिकने वाली मिठाइयों में मिलावट का खतरा रहता है। सतर्क रहें।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : दीपावली पर्व पर बाजार मिठाइयों से सज गया है। बाजार में बिकने वाली रंग-बिरंगी मिठाई लोगों की सेहत भी खराब कर सकती हैं। ऐसे में खरीददारी करते समय सावधानी बरतने की जरूरत है। यदि कहीं मिलावट का अंदेशा है तो ग्राहक इसकी शिकायत भी कर सकता है। जिसमें खाद्य सुरक्षा अधिकारी मामले की जांच करके कार्रवाई करेंगे।
मिठाई, दूध, नमकीन, पनीर आदि के लिए हम बाजार पर ही निर्भर हैं। त्योहार के दिनों में वस्तुओं की मांग बढ़ने और आपूर्ति कम होने के कारण भी मिलावट की जाती है। वहीं घटिया गुणवत्ता का सामान बेचकर कुछ दुकानदार ज्यादा मुनाफा भी कमाना चाहते हैं। सावधानी नहीं बरतने पर यह लोगों के लिए बीमारी की वजह बन जाती है। खाद्य सुरक्षा विभाग के जिला अभिहित अधिकारी मनीष सयाना ने बताया कि खोया या मावा में स्टार्च मिलाया जाता है जबकि मिल्क पाउडर से बनने वाली पनीर में फैट की मात्रा कम होती है। दूध में पानी मिलाने की बात भी देखी जाती है। इसी तरह चने के बेसन में मटर और नमकीन आदि में खराब तेल आदि का प्रयोग आम बात है। जिसके लिए सामान्य सावधानियों के आधार पर जांच की जा सकती है। ----------
आसान तरीके से करें जांच
खाद्य पदार्थों में मिलावट की परख आसान तरीकों से की जा सकती है। खरीददारी के समय ज्यादा रंगीन मिठाइयों या खाद्य पदार्थों की खरीद से बचना है। मावे को हाथ में रगड़ कर और गंध के आधार पर भी जांचा जा सकता है। रगड़ने पर घी या तेल निकल रहा है तो मावा असली है। मिलावट वाला मावा सूखा ही रहता है। मावे में स्टार्च के रूप में आलू, सिघाड़ा आदि मिलाने पर उसे केमिकल जांच से भी पता किया जा सकता है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनोज सेमवाल ने बताया कि मावे में स्टार्च पता करने के लिए टिचर आयोडीन डालने पर यदि रंग नीला या ब्राउन हो जाता है तो मिलावट है। यदि रंग नहीं बदलता है तो स्टार्च नहीं मिलाया गया है। बर्फी पर चांदी का वर्क नकली है तो रगड़ने पर सफेद ही रहेगा। असली चांदी का वर्क है तो रगड़ने पर मिट जाएगा। ----------
करें आनलाइन शिकायत
खाद्य पदार्थों में मिलावट होने या संदेह पर आनलाइन शिकायत की जा सकती है। जिसमें वेबसाइट पर शिकायत का विवरण दिया जा सकता है। खाद्य विभाग की निर्धारित वेबसाइट
पर शिकायत के बाद की गई कार्रवाई भी पता की जा सकती है। ------
खाद्य पदार्थों की खरीद करते समय सावधानी की आवश्यकता है। मिलावट में दोषी पाए जाने पर संबंधित पर पांच लाख तक का जुर्माना व छह माह की जेल भी हो सकती है।
-मनीष सयाना, जिला अभिहित अधिकारी, ऊधमसिंह नगर