प्रेम कहानी का दर्दनाक अंत, भागी युवती को प्यार से घर बुलाया, फिर सरेआम उतारा मौत के घाट..., पढ़ें खबर
उधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर क्षेत्र के गदरपुर में एक प्रेम कहानी का दर्दनाक अंत हुआ। इसे पढ़कर आपके रौंगटे खड़े हो जाएंगे। प्रेमी संग भागी युवती को परिजनों ने पहले प्यार से घर बुलाया। शादी करवाने का आश्वासन दिया। फिर उसे मौत के घाट उतार दिया।
रुद्रपुर (ऊधमसिंहनगर)। गदरपुर में एक प्रेम कहानी का दर्दनाक अंत हुआ। इसे पढ़कर आपके रौंगटे खड़े हो जाएंगे। प्रेमी संग भागी युवती को परिजनों ने पहले प्यार से घर बुलाया। शादी करवाने का आश्वासन दिया। फिर उसे मौत के घाट उतार दिया। जानते हैं पूरा मामला।
मामला गदरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम कनकटा का है। यहां 16 सितंबर 2015 को एक युवती की हत्या की चर्चा थी। इस मामले में गदरपुर थाना पुलिस के साथ ही खुफिया विभाग ने भी जांच की। पुलिस हरजीत कौर पुत्री देवेंद्र सिंह के घर पहुंची। पूछताछ में परिजनों ने बताया कि हरजीत की मौत बीमारी से हुई थी।
मामले को अफवाह समझकर पुलिस ने जांच बंद कर दी, लेकिन संदेह होने पर दो सप्ताह बाद दो अक्टूबर 2015 को पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हरजीत कौर की हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी केवल खुराना ने जांच शुरू कराई।
इस दौरान स्कूल के शिक्षकों, ग्रामीणों और परिजनों ने बताया कि हरजीत की मौत दौरे पड़ने से हुई थी, लेकिन परिजन हरजीत की बीमारी से संबंधित कोई भी मेडिकल रिपोर्ट नहीं दिखा पाए। एएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि इससे मामला संदिग्ध लगने लगा। इस दौरान पता चला कि हरजीत का प्रेम प्रसंग गांव के ही मनप्रीत उर्फ कालू के साथ था। दोनों ही घर से भाग गए थे।
बाद में परिजनों ने दोनों को यह कहकर वापस बुला लिया कि उनकी शादी करा देंगे। घर पहुंचते ही हरजीत के पिता देवेंद्र सिंह, चाचा हरपिंदर सिंह, चचेरे भाई निशान सिंह और बलजीत सिंह, अन्य परिजन इंदरजीत सिंह, अमरदीप सिंह, गुरदेव सिंह के साथ ही ग्रामीण जगदीप सिंह ने हरजीत कौर की लाठी-डंडों और सब्बल से मारकर हत्या कर दी तथा शव को जला दिया।
इस पर पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। साथ ही हत्या में शामिल हरपिंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। एएसपी भट्ट ने बताया कि अन्य सात आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है।
धार्मिक स्थल पर दिलाई गई कसम
हरजीत की हत्या कनकटा गांव में दिनदहड़े दर्जनों ग्रामीणों के समक्ष की गई थी। हत्या की बात पुलिस तक न पहुंचे, इसके लिए हत्या में शामिल परिजनों ने ग्रामीणों को स्थानीय धार्मिक स्थल पर ले जाकर घटना की जानकारी पुलिस को नहीं देने के लिए कसम खिलाई थी।
पुलिस की भी मिलीभगत
हरजीत कौर की हत्या की जांच में स्थानीय पुलिस की मिलीभगत की बात भी सामने आई है। इसमें मृतका हरजीत के परिजनों से पुलिस कर्मियों द्वारा रिश्वत लेकर कोई कार्रवाई न किए जाने की भी चर्चा है।
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