माथे की शोभा बिंदी, भारत माता की शोभा हिंदी
संवाद सहयोगी, खटीमा : राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर संस्कार भारती की ओर से आयोजित काव्य गो
संवाद सहयोगी, खटीमा : राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर संस्कार भारती की ओर से आयोजित काव्य गोष्ठी में कवियों व शायरों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से हिंदी की महत्ता को रेखांकित किया।
राणा प्रताप इंटर कॉलेज में हुई काव्य गोष्ठी में रचनाकार रामरतन यादव ने अपनी कविता में कहा-हिंदी का अपमान क्यों हो, मान होना चाहिए। राधा तिवारी ने कहा-ओ भारत में रहने वालों हिंदी पर अभिमान कीजिए। रावेंद्र कुमार रवि ने-रातोंरात शहर की हर दिवार पर लव हिंदी, लव हिंदी लिख दिया। रघुराज सिंह यादव ने कहा-गंगा के नीर के समान मेरी हिंदी है, रामेश्वर दयाल मिश्र ने कहा-माथे की शोभा बिंदी, भारत माता की शोभा हिंदी है। इसके अलावा श्रीभगवान मिश्र, डॉ. तुलसीराम, ओमप्रकाश सिंह, विपिन चंद्र जोशी, आकाश कुमार प्रभाकर, डॉ. इरशाद हिंदुस्तानी, मनीराम शास्त्री, मनीषा उपाध्याय आदि ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। इस दौरान कवि एवं रचनाकारों को शाल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर प्रधानाचार्य सतीश चंद्र गुप्ता, गीताराम बंसल, सुबोध तिवारी, ललित मित्तल, प्रवीन कंछल, डॉ. सिद्धेश्वर सिंह, डॉ. सुभाष वर्मा, नरेश तिवारी,रंजीत राना, डॉ. राजकिशोर सक्सेना आदि मौजूद थे। इधर अखिल भारतीय सामाजिक संस्कृति संस्था की ओर से भी हिंदी दिवस पर कवि गोष्ठी हुई। जिसमें डॉ. एम इलियास सिद्दीकी ने अपनी रचना में कहा कि-हमारे दिल में हिंदी है, हमारी जान है हिंदी। इसके अलावा मो.तकी अंसारी, हाफिज नूर मो., डॉ. इरशाद आदि ने रचनाएं प्रस्तुत की।