बीमा कंपनी का पूर्व डवलपमेंट ऑफिसर गिरफ्तार
संवाद सहयोगी काशीपुर कागजातों में मृतक व्यक्तियों को जिदा दिखाकर बीमा कंपनी से धनराशि ह
संवाद सहयोगी, काशीपुर: कागजातों में मृतक व्यक्तियों को जिदा दिखाकर बीमा कंपनी से धनराशि हड़पने का षडयंत्र रचने के आरोप में पुलिस ने बीमा कंपनी के पूर्व डवलपमेंट ऑफिसर को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है। मामले में वर्ष 2017 में बीमा कंपनी के सेल्स मैनेजर ने कोतवाली में अपनी ही बीमा कंपनी के दस एजेंटों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस जांच में पकड़े गए पूर्व डवलपमेंट आफिसर के फर्जी क्लेम दिलाने वाले गिरोह से हमसाज होकर बीमा कंपनी में फर्जी क्लेम लेने के लिए आवेदन करने की बात उजागर हुई है।
आइसीआइसी प्रुडेनशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के सेल्स मैनेजर विनय कुमार रावत ने 9 अगस्त 2017 को काशीपुर कोतवाली में तहरीर देकर बीमा कंपनी के एजेंट संजीव, वेदपाल,कैलाश सिंह, संदीप कुमार, राजीव कुमार समेत दस एजेंटों पर मृत व्यक्तियों की बीमा पालिसी धारकों की मृत्यु पूर्व हेतु दावों से संबंधित मामलों की जांच के लिए जिदा दिखाकर बीमा पॉलिसी के आवेदन करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस मामले में सर्वप्रथम एसआइ जयपाल सिंह ने विवेचना की थी। अब इस मामले की विवेचना एसआइ विनोद फत्र्याल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान बीमा कंपनी के पूर्व डवलपमेंट आफिसर राजकुमार अरोरा पुत्र जगदीश लाल निवासी द्रोण बिहार, काशीपुर का नाम प्रकाश मे आया था। गुरुवार को पुलिस ने आरोपित को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सैय्यद गुफरान के न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
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बीमा एजेंटो को नहीं थी जानकारी
पुलिस ने जांच में पाया कि इस मामले में नामजद बीमा एजेंटों को फर्जी क्लेम के आवेदन करने की जानकारी ही नहीं थी। इसमें राजकुमार को ही संगठित गिरोह द्वारा इस कृत्य को करने की जानकारी थी। इन्सेट:
संगठित गिरोह पुलिस के टारगेट पर
इस पूरे प्रकरण में जसपुर कोतवाली क्षेत्र के भोगपुर डाम के संगठित गिरोह के तीन सदस्यों का नाम प्रकाश में आया है। कोतवाली के उपनिरीक्षक विनोद ने बताया कि इनमें से एक की मृत्यु हो चुकी है, और दो जसपुर कोतवाली के एक फर्जी क्लेम के मामले में जेल में हैं।