पूर्व पार्षदों ने भी खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा
संवाद सहयोगी, रुद्रपुर : अपनी ही सरकार के खिलाफ कोर्ट जाने की मेयर की घोषणा के बाद अब
संवाद सहयोगी, रुद्रपुर : अपनी ही सरकार के खिलाफ कोर्ट जाने की मेयर की घोषणा के बाद अब चुनाव से प्रतिबंधित किए गए कांग्रेस के पूर्व पार्षदों ने भी सरकार के खिलाफ मलिन बस्तियों में अभियान चलाने की घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा है कि त्रिवेंद्र सरकार मलिन बस्तियों को तबाह करने के साथ ही इन बस्तियों के नेतृत्व को भी प्रतिबंधित करने की साजिश रच रही है।
प्रदेश सरकार ने दो दिन पूर्व नगर निगम की निवर्तमान मेयर सोनी कोली व 16 पार्षदों के चुनाव पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कार्रवाई चुनाव के वक्त निवास को लेकर गलत प्रमाण पत्र देने को लेकर की गई है। शुक्रवार को मेयर ने अपनी ही सरकार के खिलाफ कोर्ट जाने की घोषणा की थी। शनिवार को इसी मामले में कांग्रेस के पार्षदों ने भी एक होटल में प्रेस वार्ता की। पार्षदों ने कहा कि रुद्रपुर ही नहीं, पूरे प्रदेश में नजूल की ही भूमि पर पांच सौ से अधिक मलिन बस्तियां बसी हैं। प्रदेश सरकार ने नगर निगम के पार्षदों को नजूल भूमि पर बसे होने के चलते चुनाव लड़ने का जो हक छीना है, वह इन मलिन बस्तियों में रहने वालों के लोकतांत्रिक हक पर डाका है।
पूर्व पार्षद ललित मिगलानी ने कहा कि जब नजूल पर बसी बस्तियों के लोगों से चुनाव लड़ने का हक छीन लिया जाएगा तो इन बस्तियों का चुनाव में प्रतिनिधित्व क्या बाहरी लोग करेंगे। बोले, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ¨सह रावत ने रुद्रपुर शहर को उत्पीड़न की प्रयोगशाला बना दिया है। पहले मुख्य बाजार को अतिक्रमण के नाम पर उजाड़ने की शुरुआत की और अब मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों के चुनावी अधिकार छीनने की कोशिश की है। शहर को सुविधा देने के नाम पर टंचिग ग्राउंड, सीवर लाइन, पार्किंग, मेडिकल कॉलेज जैसी प्रस्तावित सुविधाओं को दरकिनार कर दिया गया है।
कांग्रेस महानगर अध्यक्ष जगदीश तनेजा ने कहा कि मलिन पार्टी के पूर्व पार्षद बस्तियों में जाकर सरकार के निर्णय के दुष्परिणामों से अवगत कराएंगे। साथ ही प्रदेश के सभी मलिन बस्तियों के पूर्व पार्षदों व सभासदों से मिलकर सरकार के खिलाफ जन आंदोलन भी चलाएंगे। इस दौरान मीना शर्मा, हिमांशु गावा, अभिषेक शुक्ला, कालीचरण, विकास मलिक, मोनू निषाद, गौरव खुराना, सुमित छावड़ा, नदीम खान, सौरभ शर्मा आदि शामिल रहे।