Move to Jagran APP

आपातकाल का दंश झेला, अब पहचान को भी मोहताज लोकतंत्र सेनानी

बाजपुर में लोकतंत्र सेनानी अपना अधिकार मांग रहा है। सरकार को उस पर मनन करना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Jun 2021 05:38 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 05:38 PM (IST)
आपातकाल का दंश झेला, अब पहचान को भी मोहताज लोकतंत्र सेनानी

संवाद सहयोगी, बाजपुर : लोकतंत्र सेनानी अपना अधिकार मांग रहा है। सरकार को उस पर मनन करना चाहिए। हमारी भी अलग पहचान हो, जो जुल्म हमने सहे हैं। हमारी पहचान की बदौलत देश के लोग जान सके कि यह वही लोग हैं जिन्होंने आपातकाल का दंश सहा है।

loksabha election banner

यह बात उत्तराखंड लोकतंत्र सेनानी संगठन के कुमाऊं मंडल के अनेक जनपदों से आए अधिकांश लोकतंत्र सेनानियों ने शुक्रवार को सिंचाई विभाग के अतिथि गृह में हुई सभा में कैबिनेट मंत्री अरविद पांडेय व भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गजेंद्र सिंह के समक्ष कही। उन्होंने कहा कि विषय यह नहीं है कि हमें यातना दी गई। विषय यह भी है कि जेल जाने के बाद हमारे परिवारों ने जो दुख झेला है, उस अपमान का बदला सम्मान से मिलना चाहिए। संघ का कार्यकर्ता सम्मान या पहचान के लिए नहीं जीता है। उसका मरना जीना सब देश के लिए होता है। कैबिनेट अरविद पांडेय ने कहा कि आपातकाल शब्द आज भी झकझोरता है। आज जो भी हम है, आप सबकी बदौलत है। आप लोगों का कर्ज तो नहीं चुका सकते हैं, लेकिन इसका समाधान कराने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा। कार्यक्रम की अगुवाई लोकतंत्र सेनानी योगराज पासी ने देवी दयाल जुनेजा को साहसी व्यक्ति बताते हुए उनके कार्य की सराहना की साथ ही सभी के सम्मान की बात कही गई। पूर्व सांसद बलराज पासी ने कहा कि जिस कार्य के लिए लोकतंत्र सेनानी जेल गए भाजपा ने सत्ता में आने पर सभी कार्य किए है। सभा को भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गजेंद्र सिंह, विहिप के राष्ट्रीय सहमंत्री स्नेह पाल, संगठन के महामंत्री गिरीश कांडपाल, कृष्ण कुमार अग्रवाल, अनिरुद्ध निझावन, सतीश अरोड़ा आदि ने संबोधित किया।

..........

सामर्थवान लोकतंत्र सेनानी पेंशन छोड़े

भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने लोकतंत्र सेनानियों की मांगों के बीच कहा कि संघ का कार्यकर्ता देश को समर्पित होता है। वह कुछ पाने की लालसा नहीं रखता और न ही हमें रखनी चाहिए। संघ हमें स्वयं सम्मान देता है। उनके पिता ट्रक डाइवर थे उन्होंने कभी पद की लालसा नहीं की। 70 वर्ष की आयु में भी वह सेवा कर रहे हैं। उन्होंने अपील की जो लोकतंत्र सेनानी सामर्थवान हैं, वह अपनी पेंशन सरकार को वापस कर दें।

-----

दो सौ भी मर जाने दो

योगराज पासी ने कहा कि पिछले दिनों लोकतंत्र सेनानियों के लिए एक्ट बनाने को लेकर वर्चुअल मीटिग थी। इस दौरान बात उठी कि राज्य में कितने लोकतंत्र सेनानी हैं तो बताया गया लगभग चार सौ थे। दो सौ का स्वर्गवास हो गया है। दो सौ बचे हैं। अधिकारी का कहना था कि क्या करना है, इन दो सौ को भी मर जाने दो। इस मौके पर लोकतंत्र सेनानी कृष्ण कुमार अग्रवाल ने कहा कि हम बस आदि में सफर करते है तो हमें सीनियर सिटीजन भी ढंग से नहीं माना जाता है।

..............

इन्हें मिला सम्मान

लोकतंत्र सेनानी संगठन के कार्यक्रम में भाजपा के प्रवक्ता राजेश कुमार द्वारा उपलब्ध स्मृति चिह्न कैबिनेट मंत्री अरविद पांडेय, बलराज पासी, राजेश कुमार, गोपाल कोछड द्वारा योगराज पासी, गजेंद्र सिंह, स्नेह पाल, केके अग्रवाल, नेपाल सिंह, रामभजन, विनोद सिंह फोगाट, दूथनाथ मिश्रा, राजेंद्र राणा, अनिरुद्ध निझावन, दया राम, लोकमन सिंह, अमित मित्तल, सतीश कुमार, संजीव कुमार, विजय पपनेजा, सतीश अरोरा, केशव पासी, सुधीर रस्तोगी, कीमती राणा को सम्मानित किया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.