किसानों को लुभा रही ई-मंडी
रईस अहमद जसपुर किसान ई-मंडी को लेकर उत्साहित भी हैं और इसमें दिलचस्पी भी दिखा रहे ह
रईस अहमद, जसपुर: किसान ई-मंडी को लेकर उत्साहित भी हैं और इसमें दिलचस्पी भी दिखा रहे हैं। लीक से हटकर कृषि उत्पाद बिक्री की यह व्यवस्था किसानों को खूब भा रही है। क्षेत्र के चार हजार किसान एवं 30 आढ़ती इसके लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। केंद्र सरकार ने किसानों की उपज बिक्री का दायरा बढ़ाते हुए इंटरनेट के माध्यम से किसानों व आढ़तियों को खरीद-फरोख्त का बड़ा बाजार उपलब्ध कराया है। इसका मकसद कृषि उपज का पूरा लाभ देने और दलाल तंत्र पर अंकुश लगाना है। इसके लिए देश भर की 400 कृषि मंडियों को आपस में जोड़कर ई-मंडी (ईएनएएम) यानी राष्ट्रीय कृषि बाजार स्थापित किया गया है। मंडी परिषद जसपुर के आंकड़ों के मुताबिक मंडी में अभी तक ई-मंडी पर कारोबार के लिए चार हजार किसान एवं 30 आढ़तियों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। ई-मंडी के जरिये 14418.35 क्वितल उत्पाद की बिक्री भी हुई। जिसमें गेहू, बीज, सब्जियां आदि फसलें शामिल हैं। जो करीब 122 लाख रूपये कारोबार हुआ। जिसकी रकम सीधे किसानों के खाते में जमा कराई गई।
कारोबार से पहले देते हैं प्रशिक्षण
ई-मंडी का रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसानों को पहले मंडी समिति प्रशिक्षण देती है। इसमें मंडी की प्रक्रिया एवं बारीकियां बताई जाती हैं। साथ ही अपने उत्पादकों की गुणवत्ता जांच कराने और देशभर में कहीं भी माल की बिक्री करने आदि की प्रक्रिया समझाई जाती है।
मोबाईल एप ऐसे करें डाउनलोड
ई-मंडी एप डाउनलोड करने का आसान तरीका है। इसके लिए मोबाइल यूजर को गूगल प्ले स्टोर में जाकर ई-नाम एप सर्च करना होगा। एप डाउनलोड होने के बाद यूजर को अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। जिसके जरिये उसे यूनिक कोड उपलब्ध होगा। एप लोड होते ही फसलों की गुणवत्ता, मूल्य एवं खरीद फरोख्त आदि की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो जाएगी।
इनसेट-
ई-मंडी किसानों में काफी लोकप्रिय हो रही है। बड़ी संख्या में किसान नई व्यवस्था की जानकारी लेने पहुंच रहे हैं। किसानों को समय समय पर ई-मंडी पर कारोबार का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
-सहील अहमद, मंडी सचिव