बिल भुगतान के बाद भी काट दी रेलवे स्टेशन की बिजली
संस रुद्रपुर सरकारी विभागों में समन्वय का अभाव कितना है इसकी बानगी यहां रेलवे और ऊर्जा निगम
संस, रुद्रपुर : सरकारी विभागों में समन्वय का अभाव कितना है, इसकी बानगी यहां रेलवे और ऊर्जा निगम के बीच देखने को मिल रही है। ऊर्जा निगम ने रेलवे पर बकाया धनराशि का भुगतान न करने की बात कहते हुए रेलवे स्टेशन का कनेक्शन काट दिया। जबकि रेलवे विभाग का दावा है कि बिजली का बिल भुगतान हर महीने किया जा रहा है। रेलवे अधिकारियों ने बिल भुगतान की रशीदें भी दिखाई हैं। साथ ही कहा है कि रेलवे स्टेशन की बिजली इस तरह नहीं काटी जा सकती, वह ऊर्जा निगम पर मुकदमा दर्ज कराएंगे।
वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर ऊर्जा निगम अपने बिलों की बकाया धनराशि को जमा कराने के लिए अभियान चलाए हुए है। इसी क्रम में ऊर्जा निगम ने रेलवे पर बिल की बकाया धनराशि जमा न करने की बात कह रेलवे स्टेशन का कनेक्शन काट दिया। इससे रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया। रेलवे अधिकारियों की भी इस कार्रवाई से भौंहें तन गई हैं। रेलवे का दावा है कि वर्ष 2010 से 2017 तक रुद्रपुर सिटी रेलवे स्टेशन का बिजली का बिल प्रति माह भुगतान किया गया है। ऊर्जा निगम की ओर से उन बिलों का भुगतान लिया गया है साथ ही उसकी रसीद भी रेलवे को दी गई। शनिवार को रेलवे की ओर से जारी बिल में सात साल में जमा किए गए 50 लाख 21 हजार 255 रुपये का बिल भुगतान की रशीद भी दिखाई गई है। लेकिन ऊर्जा निगम ने केवल 42 लाख 13 हजार 253 रुपये ही जमा किए जाने का हवाला देते हुए आठ लाख आठ हजार दो रुपये बतौर एरियर के बकाया होना बता दिया। शनिवार को इस बकाए राशि का भुगतान न होने पर बिना किसी सूचना के रेलवे स्टेशन का कनेक्शन काट दिया। इस मामले में रेलवे अधीक्षक ने कहा कि ऊर्जा निगम बिल में गोलमाल कर रहा है। रेलवे की ओर से 50 लाख से ऊपर का भुगतान किया गया है, जिसकी रशीद भी हैं। इस आधार पर कोई बकाया नहीं है। जबकि इस मामले में ऊर्जा निगम न तो अपने लेजर का मिलान कर रहा है और न ही रसीद का मिलान करा रहा है। साथ ही अगले माह मिलान कराने की बात कह पल्ला झाड़ ले रहा है।
--------------------- गूलरभोज में भी हो चुका है घोटाला
रुद्रपुर : दो माह पहले गूलरभोज रेलवे स्टेशन का कनेक्शन भी एरियर बकाया होने का हवाला देते हुए काट दिया गया था। जबकि यहां भी पूरा भुगतान किया जा चुका था। हालांकि इस मामले में रसीद दिखाने के कुछ समय बाद ऊर्जा निगम बैकफुट पर आ गया और बिल को ठीक किया गया। ऊर्जा निगम ने 2010 से 17 तक 846378 रुपये बिल होने की बात कही थी। जिसमें से 719820 रुपये का भुगतान होने की बात कहकर 121558 रुपये का एरियर बकाया होने का हवाला देते हुए कनेक्शन काटे थे। जब रेलवे ने रसीद आदि दिखाई तब ऊर्जा निगम बैक फुट पर आया।
.................. जसपुर में भी हो चुकी है घटना
रुद्रपुर : बीते दिनों जसपुर में भी बिजली बिलों के भुगतान को लेकर घोटाला सामने आया था। इसमें कर्मचारी द्वारा उपभोक्ता से तो बिल का भुगतान करा लिया उसे रसीद भी दे दी, लेकिन लेजर में अपडेट नहीं किया गया। मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब उपभोक्ता का बिल बढ़कर आया और उसने हंगामा करते हुए बिल भुगतान की रशीदें दिखाई। वर्जन---------
कुल भुगतान के सारे पुख्ता बिल बुक नंबर सहित हमारे पास है। बावजूद ऊर्जा निगम एरियर बकाया होने की बात कह रहा है। इस संबंध में ऊर्जा निगम के आला अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने चुप्पी साध ली है। ऊर्जा निगम अपनी विभागीय गड़बड़ियों को दूसरे विभागों पर थोप रहा है। लेजर से बिल के रसीद से मिलान करने को कहा तो उसका भी कोई अधिकारी मिलान करने को तैयार नहीं है। वह ऊर्जा निगम पर मुकदमा दर्ज कराएंगे।
- डीएस मर्तोलिया, स्टेशन सुपरिटेंडेंट रुद्रपुर सिटी स्टेशन
..................... रेलवे का बकाया था। उन्होंने भुगतान की रसीद दिखा दी है। सरकारी भुगतान में कुछ दिक्कतें हो सकती हैं। इसे अप्रैल में मिलान किया जाएगा। अभी कुछ नहीं कह सकते। मिलान के बाद ही स्पष्ट होगा कि क्या मामला है।
- एनएस तोलिया, डीजीएम ऊर्जा निगम ऊधमसिंह नगर