चालक-परिचालक बढ़े, वेंटीलेटर पर बसें
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : निगम ने चालक-परिचालक तो बढ़ा दिए, लेकिन बसों की कमी अब तक पूर
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : निगम ने चालक-परिचालक तो बढ़ा दिए, लेकिन बसों की कमी अब तक पूरी नहीं कर सका है। वहीं, डिपो की कुछ बसों की उम्र निकल चुकी है तो कुछ नीलामी की दहलीज पार कर चुकी हैं। मजबूरी यह है कि डिपो के पास अब बेहतर बसें नहीं है। मसलन, अब इन्हीं बसों से काम चलाना पड़ रहा है। अब ऐसे में रोजमर्रा में ही बसें हॉफ जाती हैं और इनके मेंटीनेंस में विभाग भी। लंबे रूटों पर इस वक्त कोई ऐसी बस नहीं जिसको भरोसे पर छोड़ा जा सके। ऐसे में आधी बसें वर्कशॉप तो कुछ सड़कों पर सांसें भर रही हैं।
परिवहन निगम का हाल किसी से छिपा नहीं। यहां पर लंबे समय से अव्यवस्थाओं का बोलवाला है। निगम में इस वक्त सड़कों पर दौड़ने वाली बसें 54 हैं, लेकिन इन बसों की उम्र जवाब दे गई है। बसों के पुर्जे हर रोज किसी न किसी मोड़ पर खराब हो जाते हैं। आए दिन आई ऐसी शिकायतों के चलते हल्द्वानी डिपो को लेटर लिखे जाते हैं, लेकिन इन बसों की खराबी का मुख्य कारण यह है कि कुछ बसों के किलोमीटर मानक के अनुसार पूरे हो चुके हैं तो कुछ ऐसी भी हैं जो नीलामी को तैयार हैं, लेकिन बावजूद इसके यह बसें अभी भी सड़कों पर दौड़ रही हैं। कारण नई बसों के प्रस्ताव के बाद भी रुद्रपुर डिपो में बसों का इजाफा नहीं हो सका है।
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यह है बसों का मानक
एक बस का मानक आठ लाख किलोमीटर का है, लेकिन डिपो में चल रहीं बसें 10 लाख का आकड़ा पार कर चुकी हैं। जबकि चार बसें नीलामी की शर्तों को पूरा कर चुकी हैं उसके बाद भी दौड़ रही हैं। इस वक्त 54 बसें संचालित हैं और यह लगभग छह लाख से ऊपर चल चुकी है और डेढ़ लाख चलना बाकी है। ऐसे में सड़कों पर चलने पर यह बसें लंबी दूरी का दंभ नहीं भर पाती। हालांकि एआरएम श्रीराम कौशल ने इस बावत देहरादून को अवगत कराया है।
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निगम की सभी बसें लगभग खटारा हैं। कई बसों के किलोमीटर भी पूरे हो चुके हैं और उम्रदराज भी, लेकिन इनसे काम लिया जा रहा है क्योंकि नई बसों के लिए उच्चाधिकारियों से कई बार कहा जा चुका है, लेकिन अब तक नहीं मिल सकीं। ऐसे में मेंटीनेंस का खर्च भी बढ़ रहा है। कुछ नीलामी की शर्तें पूरी कर चुकी हैं।
श्रीराम कौशल, एआरएम रुद्रपुर