डिजिटल फांक रही धूल, पुराने से हो रहा एक्सरे
जिला अस्पताल में अव्यवस्था का आलम यह है कि नई डिजिटल एक्सरे मशीन धूल फांक रही है वहीं मरीजों को पुराने मशीन से एक्सरे कराना मजबूरी बन गया।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर: जिला अस्पताल में अव्यवस्था का आलम यह है कि नई डिजिटल एक्सरे मशीन धूल फांक रहीं है वहीं मरीजों को पुराने मशीन से एक्सरे कराना मजबूरी बन गया। टीबी अस्पताल परिसर में ही लाखों रुपये की एक्सरे मशीन मरीजों के किसी काम नहीं आ रहा है।
तपेदिक रोग के लिए चिकित्सा केंद्र की स्थापना पुराने जिला अस्पताल परिसर को बनाया गया है। इंदिरा चौक के पास स्थित इस केंद्र पर रोज 60 से 70 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। जिसमें टीबी ने नए व पुराने मरीज होते हैं। टीबी रोग की पुष्टि होने के बाद इनका एक्सरे भी करवाया जाता है। जिसके लिए मरीजों को जवाहर लाल नेहरू जिला अस्पताल इलाज के लिए भेजा जाता है। जहां एक्सरे की एवज 250 से 300 रुपये तक चार्ज वसूल किया जा रहा है। मामला मात्र इतना भर है कि टीबी अस्पताल में तैनात एक्सरे टेक्नीशियन को जिला अस्पताल यह कहकर भेज दिया गया है कि यहां काम कम है। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
चिकित्सकों का यह भी कहना है कि अस्पताल में स्थित एक्सर डिजिटल नहीं है। जबकि अभी तक कई जगहों पर पुराने एक्सरे से ही काम चलाया जा रहा है। ऐसे में मरीजों को निश्शुल्क दी जाने वाली सुविधा के बदले उनसे पैसे खर्च करवाए जा रहे हैं। इसके आधार पर टीबी रोग के प्रति स्वास्थ विभाग की गंभीरता को परखा जा सकता है। ---वर्जन---
टीबी के मरीजों के लिए निश्शुल्क एक्सरे की व्यवस्था की गई है, ऐसे में यदि उन्हें पैसे देने पड़ रहे हैं तो इस मामले की जांच करेंगे।
-डॉ. हरेंद्र मलिक, एसीएमओ, जिला क्षय रोग केंद्र नोडल,यूएस नगर