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एससी-एसटी एक्ट की धारा 18ए वापस लेने की मांग

जागरण संवाददाता, काशीपुर : एससी-एसटी एक्ट में संशोधन कर अध्यादेश जारी करने पर सवर्ण समा

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 06:16 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 06:16 PM (IST)
एससी-एसटी एक्ट की धारा 18ए वापस लेने की मांग

जागरण संवाददाता, काशीपुर : एससी-एसटी एक्ट में संशोधन कर अध्यादेश जारी करने पर सवर्ण समाज के लोग भड़क गए। उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन पेशकार को सौंपकर अध्यादेश वापस लेने की मांग की। साथ ही चेताया कि यदि मांग पर जल्द गौर नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा।

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सवर्ण समाज के लोग मंगलवार को एसडीएम दफ्तर पहुंचे। जहां पर एसडीएम की अनुपस्थिति पर पेशकार नंदन ¨सह चिमवाल को प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले एससीएसटी एक्ट में संशोधन संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों की रक्षा करते हुए किया था। मगर सरकार संविधान की भावना के खिलाफ एक्ट में बदलाव कर धारा 18 एक जोड़ दी है। जिसमें बिना किसी जांच व अधिकारी की अनुमति के तुरंत गिरफ्तारी का प्रावधान कर दिया गया। इससे अग्रिम जमानत का भी प्रावधान समाप्त कर दिया है। उन्होंने इस काले कानून को पास कर देश की 78 फीसद आबादी पर लागू कर दिया है, जो गलत है। इस कानून से सवर्ण व अन्य समुदाय के लोगों का उत्पीड़न होगा। उन्होंने धारा 18 ए वापस लेने व सुप्रीम कोर्ट के दिए निर्देश को लागू करने की मांग की। मांग जल्द पूरी न होने पर आंदोलन किया जाएगा। ज्ञापन देने वालों में कुमाऊं वैश्य सभा के अध्यक्ष शेष कुमार सितारा, एसपी गुप्ता, गौड़ सभा अध्यक्ष अनिल शर्मा, पीके अग्रवाल, एसके अग्रवाल, महेंद्र लोहिया, नंद किशोर, शिवनंदन अग्रवाल, जीके अग्रवाल आदि शामिल थे।


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