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चौरासी मंदिर घंटा सेवादार जिंदा जले

चौरासी मंदिर घंटा परिसर में बने कक्ष में जलकर रम्पुरा निवासी सेवादार की मौत हो गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 05:15 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 05:15 PM (IST)
चौरासी मंदिर घंटा सेवादार जिंदा जले
चौरासी मंदिर घंटा सेवादार जिंदा जले

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : चौरासी मंदिर घंटा परिसर में बने कक्ष में जलकर रम्पुरा निवासी सेवादार की मौत हो गई। सुबह मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं ने जली लाश देखी तो हड़कंप मच गया। मौके पर लोगों का जमावड़ा लग गया। इस दौरान मृतक के परिजनों ने हत्या कर जलाने की आशंका जताई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस के मुताबिक प्रथमदृष्टया हीटर से लगी आग से सेवादार की मौत हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही मौत की पुष्टि होगी।

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रम्पुरा वार्ड नंबर 23 निवासी चंद्रपाल (62) पुत्र स्व.राम लाल के सात बच्चे हैं। सबसे छोटे पुत्र को छोड़ सभी विवाहित हैं। चंद्रपाल 10 साल से मोहल्ले में स्थित चौरासी मंदिर घंटा में सेवादार थे। अक्सर वह घर में ही सोते थे। परिजनों के मुताबिक गुरुवार रात 10 बजे वह मंदिर परिसर में बने कक्ष में सोने के लिए निकले। कक्ष में हीटर जलाकर वह सो गए। बताया जा रहा है कि देर रात अज्ञात कारणों के चलते कक्ष में आ लग गई। इस दौरान वह जिंदा जल गए।

शुक्रवार सुबह मंदिर के दूसरे सेवादार वासुदेव भगत व श्रद्धालु मंदिर पहुंचे तो सेवादार कक्ष से धुंआ उठता दिखा। जब वे पास पहुंचे तो चंद्रपाल की जली हुई लाश मिली। शोर-शराबा होने पर आसपास के लोगों के साथ ही मृतक के परिजन भी पहुंच गए। सूचना पर रम्पुरा चौकी प्रभारी सतीश कापड़ी पुलिस कर्मियों के साथ पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस दौरान मृतक के पुत्र वेद प्रकाश और पुत्री कमलेश ने पिता चंद्रपाल की हत्या कर जलाने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि आग हीटर से लगने की बात कही जा रही है। जबकि हीटर जरा भी नहीं जला। उन्होंने मामले में पुलिस को तहरीर सौंप जांच की मांग की है।

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एक दिन पहले ही हुई पुत्री की मौत मृतक चंद्रपाल के सात बच्चों में तीन पुत्र वेदप्रकाश, राजेंद्र और सुनील हैं। जबकि चार पुत्री हैं। सबसे छोटा पुत्र सुनील एक साल से गायब है। वहीं सबसे बड़ी पुत्री माया का ससुराल भी रम्पुरा में ही है। बुधवार को बीमारी से माया की भी मौत हो गई थी। गुरुवार सुबह उसकी अंत्येष्टि की गई थी। रात को चंद्रपाल के घर में पुत्री माया की मौत की खबर सुन मेहमान आए थे। इसलिए घर में कम जगह पड़ने पर वह सोने के लिए मंदिर चले गए थे।

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वर्जन

हीटर में ओढ़ा हुआ कपड़ा गिरने से आग लगने की आशंा है, जिससे जलकर सेवादार की मौत हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही मौत के कारणों की पुष्टि होगी।

-सतीश कापड़ी, रम्पुरा, चौकी प्रभारी


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