रोडवेज चालकों के रवैये से बसें बेबस
परिवहन विभाग एक तो वैसे ही भारी घाटे से दबा है, ऊपर से कर्मियों के गायब रहने से यात्री परेशान हैं।
संवाद सहयोगी, रुद्रपुर : परिवहन विभाग एक तो वैसे ही भारी घाटे से दबा है, ऊपर से कर्मियों की मनमानी से निगम की आय आधी रह गई है। चालकों की मनमानी व बिना सूचना अनुपस्थित रहने से आठ बसें वर्कशॉप में खड़ी रह गईं, जिससे तीर्थ यात्रियों के साथ ही लोकल और लंबी दूरी के यात्री हलकान रहे। वहीं, प्राइवेट वाहन चालकों की चांदी रही।
रोडवेज के विशेष श्रेणी के कुछ चालक पिछले वर्ष नवंबर से गायब हैं। वहीं सात चालक भी एक से गायब हैं, जिससे पर्व पर भी बसें संचालित नहीं हो सकीं। छह बसें पहले ही वर्कशॉप में खड़ी हैं।
विशेष श्रेणी के चालक मंगल ¨सह नवंबर 18 से, कुलदीप ¨सह प्रथम सात जनवरी, जसवीर ¨सह 10 जनवरी, इंद्रजीत ¨सह, राकेश कुमार, सुखदेव ¨सह तृतीय एक जनवरी 19 से ड्यूटी से गायब हैं। इसके कारण यूके 07 पीए 803, 903, 1499, 2093 आदि बसों के चक्के जाम रहे। इससे लंबी दूरी दिल्ली, देहरादून सहित काशीपुर, टनकपुर, खटीमा, शक्तिफार्म आदि जगहों के लोकल यात्रियों को मुश्किलें उठानी पड़ीं। मकर संक्रांति के स्नान पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को भी दिक्कतें हुईं। वे प्राइवेट वाहन से दोगुना किराया देकर अपने मंजिल पर रवाना हो सके। बता दें कि रोडवेज में कुल 74 चालक हैं, जिनमें दर्जन भर विभिन्न कारणों से अवकाश पर हैं। ---- इनसेट ---
आय में लगातार गिरावट बसों की कमी और खराबी की वजह से रोडवेज की आय वैसे ही प्रभावित हो रही है। रोडवेज को प्रतिदिन का लक्ष्य 11.40 लाख निर्धारित है, जो घट कर करीब सात लाख पर आ गया है। -- इनसेट --
कन्नी काटते दिखे फोरमैन बसों के संचालित नहीं होने और चालकों के गैरहाजिर रहने के सवाल पर वर्कशॉप के फोरमैन राजेंद्र ¨सह बिष्ट कन्नी काटते दिखे। बसों को संचालित करने का जिम्मा उनका और स्टेशन प्रभारी का है। रुद्रपुर में दो स्टेशन प्रभारी हैं। गुरुवार को प्रमोद दीक्षित अवकाश पर रहने की वजह से कई बार फोन करने पर भी फोन नहीं उठा। वहीं निशा सक्सेना दूसरे कार्य में व्यस्त होने की बात कहती रहीं।
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बस संचालन और चालकों की ड्यूटी पर जवाब स्टेशन प्रभारी और फोरमैन ही दे सकते हैं। हम अपने स्तर पर चालकों से फोन पर संपर्क बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
-महेंद्र कुमार, सहायक महाप्रबंधक, रुद्रपुर डिपो