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औद्योगिक शहर में अगले साल से दौड़ेंगी सीएनजी बसें

जागरण संवाददाता रुद्रपुर एनसीआर की तर्ज पर अब प्रदेश की सड़कों पर भी रोडवेज की सीएनजी

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Mar 2019 11:45 PM (IST)Updated: Sun, 10 Mar 2019 11:45 PM (IST)
औद्योगिक शहर में अगले साल से दौड़ेंगी सीएनजी बसें
औद्योगिक शहर में अगले साल से दौड़ेंगी सीएनजी बसें

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : एनसीआर की तर्ज पर अब प्रदेश की सड़कों पर भी रोडवेज की सीएनजी बसें दौड़ती नजर आएंगी। सरकार ने उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार व देहरादून में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए इन बसों को चलाने का फैसला किया है। इससे काफी हद तक बढ़ते प्रदूषण को काबू किया जा सकेगा। प्रथम चरण यानी जनवरी से दस अनुबंधित सीएनजी बसें चलाने की तैयारी परिवहन विभाग ने कर ली है। इसके लिए रोडवेज का कंपनियों से करार भी हो गया है।

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ऊधमसिंहनगर में प्रदूषण का स्तर काफी बड़ा हुआ है। ऐसे में सीएनजी बसों की पहल सराहनीय मानी जा रही है। इन सीएनजी बसों के लिए सीएनजी फ्यूल का इंतजाम भी संबंधित कंपनी ही करेंगी। पहले चरण में दस बसों का ट्रायल सफल होने के बाद आगे और भी बसें बढ़ाई जाएंगी। इसके साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों में भी यह बसें संचालित की जाएंगी। सरकार की कोशिश है कि इन तीनों जिलों में सभी रोडवेज की बसों को सीएनजी से चलाने की है, जिससे प्रदेश के इन शहरों में प्रदूषण को कम करने के साथ ही स्मार्ट शहरों की परिकल्पना को साकार किया जा सके। उत्तराखंड में रुद्रपुर, काशीपुर व हरिद्वार में उद्योग राजधानी देहरादून से अधिक है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट में प्रदेश के रुद्रपुर समेत छह शहरों में वायु प्रदूषण का आंकलन किया गया जिसमें रुद्रपुर में पीएम 10 का स्तर 142 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के साथ दूसरे नंबर पर है जबकि देहरादून 241 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर प्रदूषण के साथ पहले नंबर पर है। वहीं तीसरे नंबर पर हरिद्वार में प्रदूषण का स्तर 129, चौथे नंबर पर हल्द्वानी में 128, पांचवें पर काशीपुर 126 व छठे स्थान पर ऋषिकेश में वायु प्रदूषण का स्तर 119 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर हो गया है।

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उत्तराखंड के तीन शहरों में ट्रायल के तौर पर 10 सीएनजी बसें चलाई जाएंगी और अच्छे परिणाम के बाद आगे और भी बसें बढ़ाने के साथ अन्य जिलों में भी इसे संचालित किया जाएगा। इन बसों को सीएनजी ईधन मुहैया संबंधित कंपनी द्वारा ही कराई जाएगी।

-- दीपक जैन, महाप्रबंधक संचालन, देहरादून

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वाहनों से निकलने वाले जहरीले धुंओं से वायु प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक बढ़ता है। सीएनजी बसों के साथ ही सीएनजी के अन्य वाहन भी चलाए जाए तो निश्चित तौर पर वायु प्रदूषण में काफी कमी आएगी। वहीं इससे वायु प्रदूषण से होने वाले बिमारियों से काफी हद तक निजात मिलेगी।

-- आरओ पवार,

क्षेत्रिय निदेशक

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड काशीपुर


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