बोलेरो खाई में गिरी, दो की मौत
संवाद सूत्र, नाचनी: तहसील मुनस्यारी के बागेश्वर जिले को जोड़ने वाली कपकोट-सामा मार्ग में मसूरिया
संवाद सूत्र, नाचनी: तहसील मुनस्यारी के बागेश्वर जिले को जोड़ने वाली कपकोट-सामा मार्ग में मसूरिया कांठा के पास एक बोलेरो 200 मीटर गहरी खाई में गिर गई। इस हादसे में एक छात्र व चालक की मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
गुरु वार सुबह होकरा से बोलेरो नंबर यूके 05-सीए 0336 तेजम को आ रहा था। वाहन जब मसूरियाकांठा से आगे को रवाना हुआ तो कुछ मीटर आगे संतुलन बिगड़ जाने से सीधे सौ मीटर गहरी खाई में गिर गया। वाहन में सवार कक्षा सात में पढ़ने वाले सूरज 12 वर्ष पुत्र केदार सिंह निवासी देकुना, मुनस्यारी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि वाहन चालक रमेश राम उर्फ रामाराव 42 वर्ष निवासी बंसतनगर , रमेश राम 32 वर्ष पुत्र प्रेम राम निवासी मसूरीकांठा, कविता 17 वर्ष पुत्री केदार सिंह निवासी देकुना घायल हो गए।
वाहन के खाई में गिरते ही स्थानीय लोग राहत कार्य में जुट गए। ग्रामीणों ने इसकी सूचना नाचनी पुलिस को दी। खाई से घायलों को निकाल कर सड़क तक पहुंचाया। सूचना पर नाचनी पुलिस भी मौके पर पहुंची। घायलों को तेजम अस्पताल लाया गया । चालक रमेश राम, छात्रा कविता और तीसरे घायल रमेश राम को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
घायलों को जब तेजम से पिथौरागढ़ लाया जा रहा था तो चालक की पिथौरागढ़ से लगभग 26 किमी दूर बुंगाछीना के पास मौत हो गई । छात्रा औरदूसरे घायल को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। उधर बारह वर्षीय बालक की मौत से घर में कोहराम मचा हुआ है। मृतक छात्र और घायल छात्रा हैं भाई-बहन
नाचनी: बोलेरो दुर्घटना में मृतक सूरज और घायल कविता सगे भाई , बहन हैं। दोनों तेजम इंटर कालेज में पढ़ते हैं। मृतक सूरज कक्षा सात में और घायल बहन कविता कक्षा नौ में पढ़ती है। दोनों रोज घर से तेजम पढ़ने आते हैं। दुर्घटना में भाई की मौत हो गई है और बहन घायल है । बहन को अभी तक अपने भाई की मौत की सूचना नहंी दी गई है। इनके दो छोटे भाई हैं। थल में 108 वाहन मिल जाता तो बच सकता था चालक
नाचनी: तेजम से जब घायलों को प्राइवेट वाहन से 72 किमी दूर जिला अस्पताल लाया जा रहा था तो थल की 108 चिकित्सा वाहन कहीं को जा रहा था। वाहन में सवार लोगों द्वारा उसे रोकने के लिए हाथ दिया गया , पंरतु वाहन नहीं रु का । यदि थल में 108 चिकित्सा वाहन मिल जाता तो संभवतया चालक की जान बच सकती थी। तेजम से लेकर पिथौरागढ़ तक किसी भी अस्पताल में चिकित्सक नहीं होने से घायल चालक को उपचार तक नहीं मिल सका । एक बार फिर सीमांत की लचर चिकित्सा व्यवस्था के चलते एक और जान चली गई।