नौनिहाल के बी पॉजिटिव ब्लड ग्रुप को बताया बी निगेटिव
संवाद सहयोगी, काशीपुर : एक बच्ची के परिजनों ने नगर के एक पैथालॉजी लैब पर गलत ब्लड ग्रुप रिपा
संवाद सहयोगी, काशीपुर : एक बच्ची के परिजनों ने नगर के एक पैथालॉजी लैब पर गलत ब्लड ग्रुप रिपोर्ट देने का आरोप लगाया है। पीड़ित ने बताया कि यदि ब्लड सैंपल लेकर सरकारी अस्पताल में फिर से न जांच कराते तो बच्ची के साथ अनहोनी हो सकती थी। परिजनों ने कोतवाली में पैथालाजी लैब के खिलाफ तहरीर देकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
राजपुरम कालोनी निवासी वीर सिंह ने कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि 22 अप्रैल को उसने अपने भाई भारत सिंह की चार माह की बेटी की तबीयत खराब होने पर उसे एक निजी चिकित्सक के क्लिनिक में भर्ती कराया। जहां चिकित्सक ने बताया गया कि बच्ची को खून की कमी है। इसे ब्लड चढ़ाना पड़ेगा। साथ ही बच्ची का ब्लड सैंपल लेकर उसे रामनगर रोड स्थित डॉ. गोयल डायग्नोस्टिक लैब्रोटरी में जांच को भेजा। जांच रिपोर्ट लेकर जब वापस चिकित्सक को दिखाई गई तो उन्होंने कहा कि बच्ची का ब्लड ग्रुप बी निगेटिव है। इस ग्रुप का ब्लड जल्दी उपलब्ध नहीं होता है। बताया कि पीड़ित के परिजन बी निगेटिव ब्लड की तलाश में सरकारी अस्पताल पहुंचे। वहां पर ब्लड उपलब्ध होने की बात कही, लेकिन उन्होंने पहले बच्ची का ब्लड सैंपल फिर से मंगाकर खुद से जांच करने की बात कही। जहां जांच के बाद बच्ची का ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव निकला। यह देख परिजनों के होश उड़ गए। परिजनों को मामला कुछ गड़बड़ लगा। उन्होंने फिर तीसरे स्थान पर ब्लड की जांच कराई, वहां भी बच्ची का ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव ही मिला। उन्होंने अपनी बच्ची को एलडी भट्ट अस्पताल से बी पॉजिटिव ग्रुप का ब्लड लेकर चढ़वाया। बच्ची के ताऊ ने तहरीर देकर आरोपित पैथालाजी लैब के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है।
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यदि मेरे पास इस मामले में लिखित शिकायत आती है, तो मैं इसकी जांच कराऊंगा।
-एस. के. शाह, सीएमओ, ऊधमसिंह नगर
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हो सकता है कि खून की जांच में कोई गड़बड़ी हो गई हो, यूं तो दो-तीन बार क्रास चेक करने के बाद ही फाइनल रिपोर्ट तैयार की जाती है, मैं स्वीकार करता हूं कहीं कोई गलती हुई है। मैं पता लगाने की कोशिश कर रहा हूं, कहां से दिक्कत आई है। वैसे रिपोर्ट के नीचे हम लोग लिखते हैं कि कोई गड़बड़ी हो तो आप पेशेट के परिजन फिर से सम्पर्क करें, लेकिन उस बच्ची के परिजन दोबारा नहीं आए। उन्होंने स्पष्टीकरण दिया कि, वैसे पॉजिटिव ब्लड ग्रुप वाले को यदि नेगेटिव ग्रुप का खून चढ़ भी जाए, तो कोई खतरा नहीं होता है।
-डॉ. बी.एम. गोयल, गोयल डायग्नोसिटक सेटर।
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गलत ब्लड रिपोर्ट की तहरीर मिली है। चूंकि यह मेडिकल का मामला है। इसलिए हम लोग इसकी रिपोर्ट पहले सीएमओ के पास भेजेंगे। जांच में यदि लैब दोषी पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
-चंचल शर्मा, कोतवाल, काशीपुर