ट्रेड यूनियन के आह्वान पर आशाओं का प्रदर्शन
बाजपुर की आशा कार्यकर्ताओं ने लॉकडाउन की आड़ में श्रम कानूनों को खत्म करने का आरोप लगाया है।
संवाद सहयोगी, बाजपुर : आशा कार्यकर्ताओं ने लॉकडाउन की आड़ में श्रम कानूनों को खत्म करने का आरोप लगाते हुए विरोध जताया।
उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन से संबद्ध ऐक्टू के नेतृत्व में शुक्रवार को एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया।
ज्ञापन में कोरोना महामारी और लॉकडाउन की आड़ में श्रम कानूनों को खत्म करने, काम के घंटे आठ से बढ़ाकर से 12 घंटे करने, केंद्रीय श्रम कानूनों का कोटिकरण कर मजदूरों के अधिकारों को छीनने का आरोप लगाया गया है।
प्रदेश उपाध्यक्ष रीता कश्यप ने बताया कि ट्रेड यूनियनों और मजदूर फेडरेशनों के दिशा-निर्देशन में 22 मई को प्रस्तावित देशव्यापी विरोध दिवस में ऊधमसिंह नगर की आशा कार्यकर्ता भी बाहों में काला फीता बांधकर शामिल होंगी। ज्ञापन में श्रम कानूनों एवं श्रमिकों के हितों के साथ खिलवाड़ बंद करने के लिए सरकार को निर्देशित करने की मांग की गई है। आशाएं लॉकडाउन काल में वर्करों को 10 हजार रुपये का राहत भुगतान करने, 50 लाख का जीवन बीमा और 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा करने की मांग कर रही हैं। ज्ञापन सौंपने वालों में धरना प्रदर्शन में सुरेंद्र कौर, अनीता, सत्यवती, अन्नू, प्रेमा रानी, चंद्रवती, च्योति, सुमन सैनी, आशा आदि शामिल थी।