न्यूनतम मानदेय को लेकर गरजीं आशा कार्यकर्ता
रुद्रपुर में आशा कार्यकर्ताओं ने 12 सूत्रीय मांगों को लेकर गांधी पार्क में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : आशा कार्यकर्ताओं ने 12 सूत्रीय मांगों को लेकर गांधी पार्क में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार सभी स्वास्थ्य योजनाओं से लेकर चुनाव ड्यूटी तक में उनकी सेवाएं ले रही है। ऐसे में उनको न्यूनतम मानदेय कम से कम 21 हजार रुपये व बीमा की सुविधा दी जानी चाहिए। यदि सभी मांगें सरकार ने मांगे न मानीं तो दो अगस्त से कार्य बहिष्कार किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकालकर अपनी आवाज बुलंद की।
शुक्रवार को उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के बैनर तले गांधी पार्क में एकत्र हुई पूरे जिले भर की आशा कार्यकर्ताओं ने मांगों को लेकर हुंकार भरी। सभा को संबोधित करते हुए यूनियन की जिला अध्यक्ष ममता पानू ने कहा कि आशाओं के श्रम का लगातार शोषण सरकार ही कर रही है। यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष रीता कश्यप ने कहा कि पहले से ही काम के बोझ तले दबी आशाओं को मोदी सरकार आने के बाद और भी ज्यादा किस्म के विभिन्न कामों में लगा दिया गया है, लेकिन उनकी मांगें नहीं मान रही है।
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यह हैं प्रमुख मांगें
आशा वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा और न्यूनतम 21 हजार वेतन लागू किया जाए। साथ ही जब तक मासिक वेतन और कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलता तब तक आशाओं को भी आंगनबाड़ी जैसी अन्य स्कीम वर्कर्स की तरह मासिक मानदेय फिक्स किया जाए। सभी आशाओं को सेवानिवृत्त होने पर पेंशन का प्रावधान और जिन आशाओं की पैदल ड्यूटी करते करते घुटनों में दिक्कतें आ गई हैं उनके लिए एक मुश्त पैकेज की घोषणा करने सहित अन्य मांगें की। इस मौके पर ममता पानू, कुलविदर कोर, शरमीन सिद्दकी, सिमरन, प्रदेश महामंत्री केके बोरा, रूपा देवी, मधुबाला, बबिता, सुधा देवी, सर्वेश, ब्रजवाला, माया देवी, नफीसा, नसरीन, मुमताज मौजूद थीं।