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दिल्ली में भी पुलिस को गुमराह करते रहे अफ्रीकी ठग

संवाद सूत्र जसपुर लॉटरी के नाम पर 25 लाख रुपये ठगने के आरोपित साउथ अफ्रीका के दो नागि

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 11:32 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 11:32 PM (IST)
दिल्ली में भी पुलिस को गुमराह करते रहे अफ्रीकी ठग
दिल्ली में भी पुलिस को गुमराह करते रहे अफ्रीकी ठग

संवाद सूत्र, जसपुर : लॉटरी के नाम पर 25 लाख रुपये ठगने के आरोपित साउथ अफ्रीका के दो नागरिकों ने पुलिस को दिल्ली में भी अपने नाम पते को लेकर गुमराह किया। दोनों ने पुलिस को अपने नाम गलत बताए थे। पुलिस ने दोनों अफ्रीकी से पांच मोबाइल, एक लैपटॉप एवं एक डोंगल बरामद कर जेल भेज दिया है।

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कुंडा थाना क्षेत्र के ग्राम हल्दुवा साहू निवासी अभिषेक खुराना पुत्र विजय खुराना के चाचा गौरव कुमार के पास मोबाइल पर मैसेज आया था। इसमें करीब चार करोड़ रुपये का इनाम निकलने की बात कही गई थी। मेल एवं कॉल के जरिये ठगों ने इनाम की राशि लेने को करीब 25 लाख रुपये ठग लिए थे। इस मामले में पुलिस ने दोनों ठगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस दौरान आरोपितों ने अपनी पहचान दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग निवासी डेविड उर्फ जॉन पुत्र जीम तथा पीटर पुत्र ऑफ्योग बताई थी। वर्तमान में पता दिल्ली के मालवीय नगर का बताया था। पुलिस ने दोनों को जेल भेजकर जांच कोतवाल अबुल कलाम को सौंप दी थी। शनिवार को कोतवाल ने दोनों ठगों की कोर्ट से 48 घंटे की रिमांड ली। तथा दिल्ली को रवाना हो गए। कोतवाल अुबल कलाम ने बताया कि विदेशियों के एक पासपोर्ट की छाया प्रति और वीजा मिली है। ठगों के नाम पते तस्दीक किए तो ठगों ने अपने असली नाम छुपाए हुए थे। पीटर का असली नाम माइक है। जबकि डेविड उर्फ जॉन की बजाय डेविड एरिक्शन है। कोतवाल ने बताया कि दोनों ठगों के असली नामों की तस्दीक, अपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानकारी एवं मुकदमें को लेकर द अफ्रीका की एबेंसी को पत्र लिखा है। आरोपित माइक इलाज के नाम पर भारत आया था। जो साउथ अफ्रीका में रियल एस्टेट एजेंट है। जबकि डेविड काम के सिलसिले में भारत आया था। कोतवाल ने बताया कि दोनों बेहद शातिर हैं। वह पहले भी कई लोगों से ठगी कर चुके हैं। दोनों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।

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कोर्ट में बताते रहे निर्दोष

पुलिस ने दोनों ठगों को सिविल कोर्ट में पेश किया तो दोनों अंग्रेजी भाषा में बोलकर अपने को निर्दोष बताते हुए बहस करने लगे। हालांकि सबूतों के आधार पर कोर्ट ने आरोपितों की एक न सुनी। जिसके बाद कोर्ट ने दोनों आरोपितों को जेल भेज दिया।


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