अफसरों के खेल में फंसे 72 भू-स्वामी
-कागजों में अकृषक भूमि को कृषक दिखाकर किया गया ब्लैकमेल -3ए-3डी में अंतर पाए जाने पर वस
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : एनएच मुआवजा घोटाले में एसएलएओ और एनएचएआइ के अफसरों की मिलीभगत से बड़ा खेल हुआ। 72 से अधिक मामलों में भूमि अकृषक होने के बाद भी उन्हें 3ए और 3डी में कृषि दिखा दिया गया, बाद में से¨टग कर बिना आर्बिट्रेशन आदेश के ही उन्हें अकृषि का मुआवजा दिया गया। इसका खुलासा होने के बाद एसआइटी ने डीएम यूएसनगर को पत्र भेज 72 लोगों से मुआवजा वसूली को पत्र भेजा है।
एनएच-74 निर्माण के दौरान जद में आए लोगों को मुआवजा दिया गया था। इस दौरान कुछ लोगों ने बैक डेट पर 143 कर अधिकारियों से मिलीभगत कर करोड़ों का अतिरिक्त मुआवजा ले लिया। जबकि एनएच की जद में आए 72 से अधिक ऐसे मामले भी थे, जहां पहले से ही उद्योग, दुकान, मकान समेत अन्य प्रतिष्ठान थे। ऐसे में उन्हें भी अकृषक दर से मुआवजा मिलना था। एसआइटी अधिकारियों के मुताबिक एनएचएआइ और एसएलएओ ने इन लोगों से से¨टग करने के लिए 3ए और 3डी में भूमि को कृषक दिखा दिया। लेकिन से¨टग होने के बाद उन्हें अकृषि दर से मुआवजा दिया गया था। एसआइटी के मुताबिक 3डी के बाद आर्बिट्रेशन के आदेश से ही कृषि दर का मुआवजा का आदेश मिलना चाहिए था। लेकिन एनएचएआइ और एसएलएओ ने बिना आर्बिट्रेशन आदेश के ही से¨टग कर अकृषि का मुआवजा दे दिया। जांच में इसका खुलासा होने के बाद अब एसआइटी ने 72 भूस्वामियों से मुआवजा वसूली की तैयारी की है। इसके लिए एसआइटी ने डीएम यूएसनगर को वसूली के लिए पत्राचार किया है। इंसेट----------
11 लोगों को दे दिया कृषि दर से मुआवजा
इस मामले में अधिकारियों ने हर हथकंडा अपनाया। एसआइटी अधिकारियों के मुताबिक जिले के 11 भू-स्वामी ऐसे हैं, जिनकी पहले से ही भूमि अकृषि थी। लेकिन अधिकारियों से से¨टग न होने और उन्हें कमीशन देने से इन्कार करने पर मुआवजा कृषि में दिया गया। वर्जन:::
अकृषक भूमि को अधिकारियों ने दस्तावेजों में कृषि दिखाया। बाद में उन्हें अकृषि का मुआवजा दिया गया। जबकि 3डी के बाद आर्बिट्रेशन के आदेश से कृषि दर का मुआवजा मिलना चाहिए था, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें अकृषक दर से मुआवजा दिया। ऐसे 72 भूस्वामियों से मुआवजा वसूली के लिए डीएम ऊधम¨सहनगर से पत्राचार किया है।
डॉ. सदानंद दाते, एसएसपी, यूएसनगर