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चेक बाउंस मामले में एक वर्ष की कठोर कारावास

काशीपुर में चेक बाउंस होने के मामले में न्यायालय ने एनआइ एक्ट आरोपित को दोषी मानते हुए उसे एक साल की कठोर कारावास व 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 12:33 AM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 12:41 AM (IST)
चेक बाउंस मामले में एक वर्ष की कठोर कारावास

जासं, काशीपुर : चेक बाउंस होने के मामले में न्यायालय ने एनआइ एक्ट आरोपित को दोषी मानते हुए उसे एक साल की कठोर कारावास व 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

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पीड़ित असलम का कहना है कि वह अपने रिश्तेदार दानिश पुत्र मो. याकुब मोहल्ला पट्टी चौहान के बिजनेस आइडिया के झांसे में आ गया। कम समय में बेहतर पैसे कमाने के लिए प्रापर्टी में निवेश करने की सलाह दी। झांसे में आकर तीन लाख रुपये दानिश को सौंप दिए। उसने आश्वासन दिया कि उसे 20 प्रतिशत लाभ मिलता रहेगा। कुछ ही समय में दानिश ने विश्वास जीतने के लिए 70 हजार रुपये फायदा दिखाकर असलम को सौंप दिए। इस दौरान कुछ समय बाद दानिश विदेश कमाने चला गया। इस दौरान मुनाफे के इंतजार में असलम रहा लेकिन उससे संपर्क नहीं हुआ। विदेश से लौटने के बाद रकम का तकादा किया तो वह बोला कि जमीन बिक नहीं रहा, पैसे कहां से देगा। 25 जून 2017 को असलम फिर वापस अपने पैसे लेने पहुंचा तो दानिश ने उसे नेशनल पंजाब बैंक के नाम से दो लाख 25 हजार का चेक यह कहते हुए दिया कि पन्द्रह दिन बाद उसे लगा देना। नियत तिथि पर पीड़ित ने जब चेक लगाया तो चेक बाउंस हो गया। इसके बाद वह दानिश के घर गया और चेक बाउस होने की बात बताई। दानिश ने गलती स्वीकार करते हुए एक चेक दिया। 31 अगस्त 2017 को चेक फिर बाउंस हो गया। ऐसे में पीड़ित चार सितंबर को न्यायालय के शरण में गया। मामले में फैसला सुनाते हुए मंगलवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सिविल जज सीनियर डिविजन ने विनोद कुमार वर्मन ने दानिश को सजा सुनाई।


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