आइआइएम काशीपुर में छात्राओं के दाखिले में 186 प्रतिशत वृद्धि
कोविड-19 महामारी के कारण होने वाली अनिश्चितताओं और व्यवधानों को पार करते हुए आइआइएम काशीपुर ने अपने एमबीए प्रोग्राम का 10वां बैच शुरू कर दिया।
जागरण संवाददाता, काशीपुर : कोविड-19 महामारी के कारण होने वाली अनिश्चितताओं और व्यवधानों को पार करते हुए, आइआइएम काशीपुर ने अपने एमबीए प्रोग्राम का 10वां बैच शुरू कर दिया। एमबीए (एनालिटिक्स) के पहले बैच को सभी हितधारकों को साथ में लाने के लिए वर्चुअल माध्यमों से शुरू किया है। काशीपुर आइआइम के विभिन्न कोर्स के दाखिले में इस बार छात्राओं की संख्या में लगभग दोगुने की वृद्धि हुई है।
काशीपुर आइआइएम ने 285 छात्रों को अपने प्रमुख एमबीए प्रोग्राम के 10वें बैच में और 54 छात्रों को एमबीए एनालिटिक्स प्रोग्राम के पहले बैच में शामिल किया है। छात्राओं के प्रतिनिधित्व में पिछले बैच से 186 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। नये बैच में देश के 20 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से महिला छात्रों का प्रतिनिधित्व है। लैंगिक विविधता को बढ़ावा देने के लिए आइआइएम काशीपुर ने छात्राओं के लिए 15 सीटों का कोटा देने की पहल जारी रखा। नया बैच अब तक का सबसे अधिक अकादमिक रूप से विविध होगा, जिसमें 45 प्रतिशत बैच गैर-इंजीनियरिग विषय होंगे। इसमें मानविकी, विज्ञान, वाणिच्य, प्रबंधन अध्ययन, वास्तुकला, होटल और पर्यटन प्रबंधन से आते हैं, वर्ग अकादमिक रूप से विविध पारिस्थितिक मिश्रण होगा। 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के छात्रों के साथ, दोनों कार्यक्रमों के बैच सांस्कृतिक रूप से विविध होंगे, जो देश के सभी कोनों से प्रतिनिधित्व करेंगे। उत्तराखंड के पहाड़ी राज्य में स्थित होने के बावजूद, आइआइएम काशीपुर ने भारत के दक्षिणी हिस्सों के 23 प्रतिशत से अधिक छात्रों को आकर्षित किया है। एमबीए एनालिटिक्स के छात्रों के 54 छात्रों के पहले बैच में, 54 प्रतिशत महिला छात्र शामिल हैं। पहली बार ऐसा होगा की आइआइएम काशीपुर के किसी भी बैच में छात्राओं कि संख्या छात्रों से अधिक होगी। एमबीए एनालिटिक्स बैच में शैक्षिक पृष्ठभूमि के संदर्भ में विविधता देखी जा सकती है, जिसमें 26 प्रतिशत छात्र विभिन्न पृष्ठभूमि जैसे वाणिच्य, वास्तुकला, विज्ञान आदि से आते हैं। बैच शुरू करने से पहले भाषण देते हुए, आइआइएम काशीपुर के निदेशक कुलभूषण बलूनी ने पाठ्यक्रम में लाए गए नवाचारों पर जोर देकर छात्रों का स्वागत किया।