शाम को सैकड़ों लीटर नहीं बिक पा रहा दूध
रुद्रपुर जिले में रोजाना तीस हजार लीटर दूध चाहिए मगर शाम को पशुपालकों का दूध नहीं बिक पा रहा है।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : जिले में रोजाना लगभग तीस हजार लीटर दूध की आवश्यकता पड़ती है। ग्रामीण क्षेत्रों के पशुपालकों को अपना दूध इन दिनों बेचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही। लॉकडाउन के कारण सुबह को तो विक्रेता घर से ले जाते हैं, लेकिन शाम की शिफ्ट में बड़ी मात्रा में दूध बच जा रहा। इसको लेकर प्रशासन को चाहिए कि दुग्ध उत्पादकों को पास जारी करे। ताकि वह शाम को बच रहे दूध को भी बेच सकें।
शहर से सटे भगवानपुर, बगवाड़ा व कीरतपुर, मलसी में बड़ी संख्या में लोग स्वरोजगार के तौर पर दूध का व्यवसाय कर रहे हैं। इनके पास अच्छी नस्ल की भैंस व गाय हैं। जिनसे सैकड़ों लीटर दूध शहर में आता है। इन दिनों लॉकडाउन के चलते दुग्ध उत्पादकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा। कीरतपुर गांव के अशोक यादव ने बताया कि उनके पास भैंस व गाय मिलाकर एक दर्जन दुधारू पशु हैं। इन सभी से करीब एक कुंटल दूध निकलता है। शाम को इस समय लॉकडाउन के चलते काफी मात्रा में दूध शहर नहीं जा पा रहा। प्रशासन को चाहिए कि हम लोगों को भी पास जारी करे ताकि दूध नुकसान होने से बचाया जा सके। भगवानपुर गांव के दुग्ध उत्पादक कामेश्वर प्रसाद जेटली ने कहा कि दूध का व्यवसाय इन दिनों गांव में लगभग सभी परिवार कर रहे हैं। लॉकडाउन के कारण सुबह के समय तो दूध की बिक्री हो जा रही है। शाम को घर से भी लोग दूध लेने नहीं आ रहे। इससे उनके घर में भी 40 से 50 लीटर दूध बच रहा है। इससे आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा। गांव भगवानपुर के ही दुग्ध उत्पादक संजय सिंह का कहना था कि प्रशासन को हम लोगों की परेशानियों को समझना होगा।
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दुग्ध उत्पादकों की समस्या के समाधान का प्रयास किया जाएगा। जिसको दूध बेचने के लिए अनुमति की जरूरत हो एसडीएम से संपर्क कर अनुमति ले लें। इस समय विभाग के पास पहले से ही क्षमता से अधिक दूध एकत्र हो चुका है।
-बृजेश सिंह, सहायक निदेशक दुग्ध