धरातल पर नहीं उतर सकी दूध वितरण की रणनीति
कोरोना वायरस के संक्रमण से जरूरी चीजों में शामिल दूध का वितरण का घर-घर पहुंचाने का मंसूबा धरा रह गया।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : कोरोना वायरस के संक्रमण से जरूरी चीजों में शामिल दूध का वितरण आम लोगों के बीच सुचारु रूप से हो सके। इसके लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। हालांकि निजी दुग्ध एजेंसियों को इसमें शामिल किए जाने को लेकर बनाई जा रही रणनीति गुरुवार को भी परवान न चढ़ सकी। विकास भवन में सहायक निदेशक दुग्ध बृजेश सिंह निजी तौर पर खुद एजेंसी संचालकों से संपर्क करते रहे। सोशल डिस्टेंसिग के फार्मूले को अपनाते हुए फोन पर ही बैठक की रणनीति बनाई। बताया गया कि जिले को कुल 32 सेक्टरों में बांटा गया है। अकेले रुद्रपुर शहर को नौ सेक्टरों में बांटकर दूध के वितरण की व्यवस्था की गई है।
सहायक निदेशक दुग्ध बृजेश कुमार सिंह के अनुसार चूंकि कोरोना वायरस के संक्रमण से आम लोगों को कोई परेशानी न हो। इसके लिए करीब 40 हजार लीटर से अधिक दूध के वितरण की व्यवस्था है। दूसरी दूध सप्लाई करने वाली एजेंसियों से संपर्क किया जा रहा है। अकेले आंचल की तरफ से ही 35 हजार लीटर दूध वितरण का लक्ष्य है। सहायक निदेशक विकास भवन में ही बैठकर निजी एजेंसियों व सप्लायरों से बात कर रणनीति बनाते दिखे। उनका कहना था कि दूध हर परिवार को उपलब्ध कराना विभाग की जिम्मेदारी है। इसके लिए लगातार वह डीएम से संपर्क कर गांवों के अधिक से अधिक दूध विक्रेताओं से संपर्क कर रहे हैं। तहसीलदारों को इसके वितरण के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है। गुरुवार को भी सभी जगह सुचारु रूप से दूध पहुंचाए जाने की व्यवस्था की गई। इसमें खटीमा में सात सेक्टर, जसपुर में दो, किच्छा तीन, काशीपुर में चार, सितारगंज में दो, गदरपुर में पांच, बाजपुर को दो सेक्टरों में बांटा गया है।