छात्रवृत्ति घोटाले में एक और कॉलेज व दो दलालों पर केस
एसआइटी के आदेश के तीन दिन बाद कुंडा थाने में दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में एक और कॉलेज व दो दलालों पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
संवाद सहयोगी, काशीपुर : एसआइटी के आदेश के तीन दिन बाद कुंडा थाने में दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में एक और कॉलेज व दो दलालों पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। इससे पहले दो दिन पहले 10 दलाल और पांच शिक्षण संस्थानों पर मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। अब तक 35 शिक्षण संस्थान व 62 दलालों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।
वर्ष 2011 से 2019 तक ऊधमसिंह नगर में एसएसी, एसटी व ओबीसी के लगभग डेढ़ लाख छात्रों में छात्रवृत्ति वितरित की गई। जिसमें 3423 छात्र-छात्राओं द्वारा बाहरी राज्यों के कुल 297 शैक्षणिक संस्थानों में अध्यनरत रहकर बीएड, एलएलबी, पीजीडीएम, नर्सिग, बीटेक आदि कोर्स की छात्रवृत्ति प्राप्त की थी। इस मामले में शुक्रवार की रातकुंडा थाने में दून कैंपस कॉलेज सहारनपुर उप्र व कुंडा निवासी दलाल जगरूप सिंह पुत्र खचेडू सिंह व महावीर सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। भुक्तभोगी छात्रों का कहना है कि दलाल जगरूप व महावीर ने बाहरी राज्यों से बीएड कराने के नाम पर दस्तावेज लिए गए थे। बाद में एडमिशन में व्यवधान का हवाला देकर यह बिचौलिये छात्रों को घूमाते रहे। जांच में पता चला है छात्रों के दस्तावेजों के बल पर विभिन्न कॉलेजों के मिली भगत से इन छात्रों का एडमिशन दिखाकर समाज कल्याण विभाग से 19.48 लाख रुपए छात्रवृत्ति हड़प ली गई। एसआइटी के जांच में घेरे में वो बैंक भी आ रहे हैं। जिनके बैंक में इन छात्रों के एकाउंट खोले गए। सूत्रों की माने तो छात्रवृत्ति घोटाले में विद्यार्थियों के खाते बिना आधार कार्ड के ही खोले गए। बैंक में विद्यार्थी के नाम से खोले गए खाते में निजी शिक्षण संस्थानों के प्रबंधकों ने अपने मोबाइल फोन नंबर दर्शाए ताकि विद्यार्थी के बैंक खाते में डलने वाली छात्रवृत्ति की राशि का मोबाइल फोन जानकारी लाभार्थी तक न पहुंच उन तक पहुंचे। एसआइटी अन्य शैक्षिक संस्थानों और दलालों पर नजर बनाए हुए है।