त्याग व संयम के प्रतीक हैं भोलेनाथ - हरि चैतन्य पुरी
काशीपुर में स्वामी हरि चैतन्य पुरी ने कहा कि भ्भोले नाथ त्याग का प्रतीक हैं।
संवाद सहयोगी, काशीपुर : स्वामी हरि चैतन्य पुरी ने कहा कि थोड़ी सी विषमता होने पर घर परिवार व समाज में अशांति पैदा हो जाती है, लेकिन भगवान शंकर तो इतनी विविधताओं, विषमताओं, यहां तक कि एक दूसरे के स्वभाविक शत्रुओं को समेट कर बैठे हैं। इन विविधताओं व विषमताओं के बावजूद उनके परिवार में आपसी प्रेम और सदभाव बरकरार रहता है। वह त्याग व संयम के प्रतीक हैं।
महाशिवरात्रि पर हरिकृपा आश्रम गढ़ीनेगी में आयोजित विराट धर्मसम्मलेन में भक्तों को संबोधित करते हुए हरि चैतन्य पुरी ने कहा कि इतना सामर्थ्य व शक्ति होते हुए भी भोलेनाथ उसका दुरुपयोग नहीं करते अपने दिमाग को ठंडा रखते हैं। भगवान शंकर सिर पर गंगा व चंद्रमा धारण किये हुए हैं, जो शीतलता के प्रतीक हैं। इस दौरान भजन गायक कैलाश अनुज, पियूषा अनुज ने अपने गायन से श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। अपने दिव्य प्रवचनों में उन्होंने कहा कि संत रूपी बादलों द्वारा जो सत्संग रुपी वर्षा होती है उसमें अपने मन की कलुषता व विकारों को धोकर मन को पावन बनाना है। इस अवसर पर सांसद अजय भटट की पत्नी पुष्पा भट्ट, जसपुर के पूर्व विधायक डा. शैलेंद्र मोहन सिघल, विनोद गुप्ता, भागीरथ चौधरी, मेलाराम शर्मा, प्रतिभा शर्मा समेत तमाम लोग मौजूद थे।
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जलाभिषेक को हरकेश्वर महादेव मंदिर में उमड़े शिवभक्त
काशीपुर : भारी बारिश के बाबजूद कुंडा थाना क्षेत्र स्थित गढ़ी नेगी के हरकेश्वर महादेव मंदिर में सैकड़ों की संख्या में शिव भक्तों व हरिद्वार से जल लेकर आये कांवरियों के जलाभिषेक का क्रम जारी है। मध्य रात्रि से ही शिव भक्त भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर रहे है। उधर पुलिस द्वारा सुरक्षा के बंदोबस्त किये गए है। काशीपुर के मोटेश्वर महादेव के अलावा गढ़ी नेगी कर हरकेश्वर महादेव मंदिर पर भक्तों की अटूट आस्था है।
संवाद सहयोगी , काशीपुर : स्वामी हरि चैतन्य पुरी ने कहा कि थोड़ी सी विषमता होने पर घर परिवार व समाज में अशांति पैदा हो जाती है, लेकिन भगवान शंकर तो इतनी विविधताओं, विषमताओं यहाँ तक कि एक दूसरे के स्वभाविक शत्रुओं को समेट कर बैठे हैं। इन विविधताओं व विषमताओं के बावजूद उनके परिवार में आपसी प्रेम और सदभाव बरक़रार रहता है।