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तेज रफ्तार से 134 परिवारों की खुशियों में लगा ब्रेक

दुर्घटना से देर भली स्लोगन का यदि लोग स्मरण कर लें तो सड़क हादसों पर कुछ हद तक अंकुश लग सकता है लेकिन भागम-भाग की इस जिंदगी में रफ्तार से कोई समझौता नहीं करना चाहता।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 08:55 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 08:55 PM (IST)
तेज रफ्तार से 134 परिवारों की खुशियों में लगा ब्रेक

राजू मिताड़ी, खटीमा

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दुर्घटना से देर भली स्लोगन का यदि लोग स्मरण कर लें तो सड़क हादसों पर कुछ हद तक अकुंश लग सकता है, लेकिन भागम-भाग की इस जिंदगी में रफ्तार से कोई समझौता नहीं करना चाहता। इस तेज रफ्तार में सड़कें खूनी हो गई हैं। पुलिस रिकार्ड के पन्नों को पांच साल पीछे से देखें तो 134 लोग सड़क हादसों का शिकार को चुके हैं। इन परिवारों की खुशियों में एकाएक ब्रेक लग गया।

इन हादसों से पुलिस के जागरूक यातायात के दावों की भी कलई खुल गई है। नए वर्ष के ही सत्र 2020 में देखें तो 45 दिनों के अंदर सात लोग जान गंवा चुके हैं। इन पांच सालों में हुई दुर्घटना में किसी का सुहाग छिना तो किसी के घर का चिराग बुझा। हादसे में गंभीर घायल लोग ठीक होने के बाद भी लाचारी की जिदंगी जीनों को विवश हैं।

2019 में हादसों का बना रिकार्ड

खटीमा: सड़क हादसों में 2019 में 41 लोग की मौत हो गई। यह वर्ष सड़क हादसों की घटना में बीता। 2017 में 23, 2014 में 19 लोग शिकार हुए।

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सड़क हादसों को रोकने के लिए पुलिस की ओर से समय-समय पर जागरुकता अभियान चलाया जाता है। इसके अलावा सख्ती से हेलमेट का प्रयोग करने व यातायात नियमों का अनुपालन कराने को नियमित रुप से चेकिंग अभियान भी चलाया जा रहा है। संजय पाठक, कोतवाल खटीमा

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वर्ष मृतक

2014 19

2015 16

2016 13

2017 23

2018 15

2019 41

2020 07

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दो लोगों की मौत से गांव में पसरा मातम

संवाद सहयोगी, खटीमा: हल्द्वानी से वन आरक्षी का पेपर देकर लौट रहे दो युवकों की मौत के बाद कुआंखेड़ा गांव में मातम पसरा हुआ है। इस घटना से दो परिवारों की खुशियों में ग्रहण लगा गया है। हादसे में शिकार हुए पंजक उर्फ पिंटू घर का इकलौता चिराग था। वह दो बहनें शिवरात्रि व आंकाक्षा का अकेला भाई था। पंकज की सात साल पहले मेनका से शादी हुई थी। जिनका एक चार साल का बेटा ग्रंथ हैं, यूकेजी में पढ़ता है।


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