राज्य कर अधिकारी को व्यापारियों ने जड़े घूंसे
आचार संहिता लागू होने के बाद भी राज्य कर अधिकारी से हाथापाई कर दी गई।
जागरण संवाददाता, काशीपुर : आचार संहिता लागू होने के बाद भी राज्य कर अधिकारी से हाथापाई कर दी गई। विरोध करने पर गिरेबां पकड़ घूंसे भी जड़ दिए। यहीं नहीं, बिना प्रपत्र के ई-रिक्शा पर लदे चोरी का माल भी छुड़ा ले गए। घटना के बाद विभागीय अधिकारियों में रोष है।
राज्य कर अधिकारी (टैक्स रिव्यू) अनिल कुमार शुक्रवार को कुंडेश्वरी स्थित दफ्तर जा रहे थे। रास्ते पर रामनगर रोड स्थित एक होटल के पास सुबह करीब 11 बजे बिना नंबर लिखे ई-रिक्शा पर पीवीसी प्लास्टिक की इलेक्ट्रिकल पाइप आदि सामान लदा देखा। उन्होंने ई रिक्शा चालक को रोक लदे माल के वैध प्रपत्र ई-वे बिल आदि मांगे, जो उसके पास नहीं थे। चालक ने उन्हें माल के बारे में बताया कि यह होटल के पीछे स्थित फैक्ट्री में निíमत है। उसने बताया कि फैक्ट्री स्वामी बिना बिल, ई-वे बिल आदि के ही बाजार के इलेक्ट्रिकल्स की दुकानों को नकद भुगतान में बेचते हैं। पूछताछ में चालक ने अपना नाम सोनू बताया। जब माल आगे जाने से रोक दिया तो चालक ने मोबाइल पर इसकी सूचना फैक्ट्री स्वामी व अन्य लोगों को दी।
राज्य कर अधिकारी अनिल ने कोतवाली में दी तहरीर में कहा है कि कुछ समय बाद फैक्ट्री स्वामी व अन्य व्यवसायी मौके पर आकर गाली गलौज करने लगे। विरोध करने पर उनके साथ धक्का मुक्की करने लगे। माल के फर्जी बिल व अन्य प्रपत्रों पर जबर्दस्ती हस्ताक्षर करा लिए। आरोपित अवैध तरीके से सरकारी कार्यों में बाधा उत्पन्न करते हुए माल व प्रस्तुत किए गए प्रपत्र जबरन छीन ले गए। बताया गया कि जाते समय आरोपितों ने जान से मारने की धमकी भी दी। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपित निर्मित माल बेचकर राज्य कर की चोरी करते हैं। आरोपितों से जान व माल को खतरा है। बताया कि शिकायत पत्र विभाग के उच्च अफसरों, जिलाधिकारी व एडीजी लॉ एंड आर्डर पुलिस को भी भेजा है। आरोप यह भी लगाया कि शहर में खुलेआम टैक्स चोरी कर माल लाया जा रहा है। कहा कि उनकी तैनाती टैक्स चोरी को रोकने के लिए की गई है। उन्होंने उक्त वारदात को व्यापारियों की दबंगई करार दिया है।
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वर्जन
मोबाइल फोन पर राज्य कर अधिकारी ने घटना की सूचना दी है। मामला संज्ञान में है।
-बीएस नगन्याल अपर आयुक्त, राज्य कर अधिकारी काशीपुर
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वर्जन
घटना की तहरीर प्राप्त हुई है। मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है।
-विनोद जोशी, एसआइ, कोतवाली काशीपुर