सीआइडी ने निर्माण एजेंसी के विरुद्ध शुरू की जांच
जासं, किच्छा : मलिन बस्तियों का निर्माण कर रही यूपीपीसीएल के कार्य अधूरा छोड़ने के मामले में नगरपालिका की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट पर सीआइडी टीम ने बुधवार से जांच शुरू कर दी। टीम ने पालिका पहुंच इस बावत सारे दस्तावेज कब्जे में ले लिए।
वर्ष 2010 में केंद्र की इंटीग्रेटेड हाउसिंग स्लम एंड डेवलपमेंट योजना के तहत किच्छा में 159 मकानों के लिए शासन से पांच करोड़ 62 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई थी। शासन ने निर्माण की जिम्मेदारी यूपी प्रोजेक्ट कारपोरेशन रुड़की के सुपुर्द की। शासन ने इसके लिए तीन करोड़ 60 लाख की धनराशि नगरपालिका को अवमुक्त कर दी। पालिका ने तीन किस्तों में कार्यदायी संस्था को दो करोड़ 32 लाख रुपये भुगतान कर दिया। इसके बावजूद संस्थान ने एक भी भवन का निर्माण कार्य पूरा किए बगैर अचानक कार्य बंद कर दिया। मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन ने पालिका को रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए। पालिका ने कोतवाली में 28 सितंबर 2012 को संस्था के विरुद्ध आइपीसी की धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया। हाल में शासन ने मामले की जांच सीआइडी के सुपुर्द कर दी। बुधवार को सीआइडी हल्द्वानी ब्रांच के निरीक्षक एचसी पंडा के नेतृत्व में टीम ने पालिका पहुंचकर अधिशासी अधिकारी राजू नबियाल से उक्त प्रकरण में जानकारी हासिल की। साथ ही समस्त दस्तावेज कब्जे में ले लिए। दिनभर चली जांच के बाद पंडा ने बताया कि संस्था के विरुद्व प्रदेश की अन्य नगरपालिकाओं ने भी मुकदमे दर्ज कराए हैं। उन मुकदमों की भी जांच की जा रही है।
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