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गंगी गांव के ग्रामीणों को पुल बनने का इंतजार

जिले के सीमांत गांव गंगी भले ही तीन साल पहले सड़क से जुड़ गया लेकिन ग्रामीणों की समस्याएं अभी भी कम नहीं हुई हैं। ग्रामीणों की वर्षों पुरानी पैदल पुल की मांग अभी तक पूरी नहीं हो पाई जिससे पर्यटन स्थल पंवाली कांठा व त्रिजुगीनारायण पहुंचने के लिए पर्यटकों व यात्रियों को लंबी पैदल दूरी नापनी पड़ रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 06:59 PM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 06:59 PM (IST)
गंगी गांव के ग्रामीणों को पुल बनने का इंतजार

संवाद सहयोगी, नई टिहरी: जिले के सीमांत गांव गंगी भले ही तीन साल पहले सड़क से जुड़ गया, लेकिन ग्रामीणों की समस्याएं अभी भी कम नहीं हुई हैं। ग्रामीणों की वर्षों पुरानी पैदल पुल की मांग अभी तक पूरी नहीं हो पाई, जिससे पर्यटन स्थल पंवाली कांठा व त्रिजुगीनारायण पहुंचने के लिए पर्यटकों व यात्रियों को लंबी पैदल दूरी नापनी पड़ रही है।

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गंगी गांव के पास घान नामे तोक से एक मार्ग त्रिजुगीनारायण के अलावा प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पंवाली कांठा को जाता है, जिसमें बीच में भिलंगना नदी पड़ती है। यहां पर नदी का तीव्र वेग होने के कारण दुर्घटना का भय बना रहता है। पैदल पुल की सुविधा नहीं होने के कारण गंगी गांव पहुंचने वाले पर्यटक व तीर्थ यात्रियों को फिर से वापस घुत्तू आकर पंवाली कांठा जाना पड़ता है, जिससे उन्हें लगभग 35 से 40 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। इससे यात्रियों का समय बर्बाद होता है। यदि यहां पर पुल बन जाता तो यात्रियों को पंवाली कांठा पहुंचने के लिए महज पांच किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती। यही नहीं, दस किलोमीटर की दूरी तय कर त्रिजुगीनारायण पहुंचा जा सकता था, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलता। गंगी के ग्रामीणों ने इस संबंध में कई बार जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सहित कई अधिकारियों ने भी गंगी गांव का दौरा कर समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन मामला जस का तस रहा।

पूर्व जिला पंचायत सदस्य केदार बत्र्वाल का कहना है कि उन्होंने भी जनप्रतिनिधियों के अलावा कई मंचों पर यह मांग उठाई, लेकिन अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। यह क्षेत्र रिजर्व फारेस्ट के अंतर्गत आता है, लिहाजा इस संबंध में वन मंत्री हरक सिंह को भी अवगत कराया, लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ा। क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रेम देई, प्रधान लक्ष्मी देवी, धर्म सिंह, वीर सिंह, बलदेव सिंह आदि ने इस संबंध में शासन-प्रशासन से घान नामे तोक में पुल निर्माण की मांग की है।


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