हरिद्वार, हल्द्वानी,, अपनी संस्कृति व सभ्यता से जुड़ा रहना जरूरी: आचार्य बालकृष्ण
संवाद सूत्र, नरेंद्रनगर: सिद्धपीठ कुंजापुरी पर्यटन विकास मेले की प्रथम सांस्कृतिक संध्या में पतंजलि
संवाद सूत्र, नरेंद्रनगर: सिद्धपीठ कुंजापुरी पर्यटन विकास मेले की प्रथम सांस्कृतिक संध्या में पतंजलि योगपीठ के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने शिरकत की। मेला समिति के मुख्य संरक्षक व कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने उनका उनका स्वागत किया। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि अपनी संस्कृति और सभ्यता से जुड़ा रहना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि माता की शरण में आकर वह अपने का धन्य समझते हैं। उन्होंने कहा कि कि योग शारीरिक स्वच्छता व शांति का द्योतक है। श्रद्धा, भक्ति व साधना आनंद के स्त्रोत हैं। आज धर्म के नाम पर भीड़ अवश्य इकट्ठी हो जाती है, लेकिन भावनाएं अंत:करण को छू जाए तो उसका अलग ही महत्व है। आज जहां पंतजलि खड़ी है उसके लिए संस्कृति की गूढ़ता ही सर्वोपरि है। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने पतंजलि के उत्पाद की बढ़ती लोकप्रियता के लिए पतंजलि के संस्थापक बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण की ²ढ़ इच्छाशक्ति, कर्मठता और मेहनत का नतीजा बताया। इस मौके पर मेला समिति के सचिव व उप जिला अधिकारी लक्ष्मी राज चौहान, थाना अध्यक्ष मनीष उपाध्याय, राजेंद्र विक्रम ¨सह पवार, भाजपा मंडल अध्यक्ष राजपाल पुंडीर, महेश गोस्वामी, राजवीर पुंडीर, विनोद गंगोटी, सरिता जोशी डॉक्टर पीएस रावत आदि मौजूद थे। जागर सम्राट भरतवाण के गीतों पर झूमे श्रोता
सिद्ध पीठ श्री कुंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेले की प्रथम सांस्कृतिक संध्या जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण के नाम रही। वहीं, हरियाणा के विश्वास चौहान ने चुटकुले, दिल्ली के सुख¨वदर ¨सह मान ने पंजाबी और हरियाणवी लोक नृत्य से दर्शकों को खूब तक गुदगुदाया। प्रीतम भरतवाण ने कार्यक्रम का शुभारंभ मां दुर्गा स्तुतिÞ शुभ संध्या का पर्व जागÞसे शुरू की। इसके बाद उनके गीत व टीम के नृत्य पर श्रोता भी झूम उठे। उन्होंने मोहन तेरी मुरुली बाजे, सरूली, नौछमी नारैण, मिजाजी हौंसिया, नारैणी, मिजाच्या मेरी आदि गीतों से श्रोताओं को देर रात तक पांडाल में बांधे रखा। वहीं, लोक गायिका मंजू सुंदरियाल के गीतों ने भी खूब तालियां बटोरी। फोटा 11एनडब्ल्यूटीपी 6