Road Safety With Jagran : नशे में वाहन चालकों के खिलाफ चलेगा अभियान, टिहरी में बचाव कार्यों को पर्याप्त संसाधन
Road Safety With Jagran दैनिक जागरण के सड़क सुरक्षा अभियान के तहत एसएसपी टिहरी नवनीत सिंह भुल्लर ने साक्षात्कार के दौरान बताया कि पुलिस ट्रैफिक मैनेजमेंट और ट्रैफिक इंजीनियरिंग को ध्यान में रखकर सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम चला रही है जिसके बेहद सफल परिणाम भी सामने आ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, नई टिहरी: Road Safety With Jagran नशे में वाहन चलाने वालों पर अब बड़े स्तर पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है। पहाड़ों में वाहन दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण नशे में वाहन चलाना है। ऐसे में टिहरी पुलिस अब ऐसे चालकों के खिलाफ एक्शन के मूड में है। 'दैनिक जागरण' के सड़क सुरक्षा अभियान के तहत एसएसपी टिहरी नवनीत सिंह भुल्लर ने साक्षात्कार के दौरान बताया कि पुलिस ट्रैफिक मैनेजमेंट और ट्रैफिक इंजीनियरिंग को ध्यान में रखकर सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम चला रही है, जिसके बेहद सफल परिणाम भी सामने आ रहे हैं।
- सवाल: पुलिस का चेकिंग अभियान सिर्फ बिना हेलमेट और बिना लाइसेंस तक ही सीमित है। एक वर्ष में कुल छह हजार चालान में से नशे में वाहन चलाने वालों के महज 46 ही चालान हुए हैं, जबकि सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं नशे में वाहन चलाने के कारण ही होती हैं।
- जवाब: पुलिस नियमित रूप से चेकिंग करती है। नशे में वाहन चलाने वालों पर कार्रवाई के लिए हर थाने को एल्कोमीटर दिए गए हैं। चालान की कम संख्या को देखते हुए अब बड़े स्तर पर चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। इस संबंध में सभी थानों को निर्देशित कर दिया गया है।
- सवाल: हादसे के बाद सबसे पहले पुलिस ही मौके पर पहुंचती है। क्या गोल्डन आवर में ज्यादा से ज्यादा घायलों की जान बचाने के लिए पुलिस के पास पर्याप्त संसाधन हैं।
- जवाब: पहाड़ों में सड़क हादसों में पुलिस मौके पर पहले पहुंचती है। रेस्क्यू अभियानों के लिए पुलिसकर्मियों को हर साल प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा जिले में एसडीआरएफ की चार टीमें और दो आपदा की टीमें हैं। जो बचाव कार्य में हर तरह के संसाधनों से युक्त है। हादसे में ज्यादा से ज्यादा मानव क्षति बचाने के लिए पुलिस के पास पर्याप्त संसाधन हैं।
- सवाल: दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए पुलिस के जागरूकता कार्यक्रम कितने सफल हो रहे हैं।
- जवाब: पुलिस सड़क सुरक्षा जागरूकता के तहत स्कूल और कालेजों में जागरूकता कार्यक्रमों का संचालन कर रही है। इससे सबसे बड़ा फायदा ये है कि स्कूल के छात्र जब बालिग होकर सड़कों पर वाहन चलाएंगे तो उन्हें यातायात नियमों की पूरी तरह जानकारी होगी, जिससे वह नियमों के तहत वाहन चलाएंगे और दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
- सवाल: क्या पुलिस सड़क दुर्घटनाएं रोकने या कमी लाने के लिए लोनिवि या संबंधित विभागों को सुझाव देती है। उन सुझावों पर कितना अमल किया जाता है।
- जवाब: पुलिस हर वर्ष जिले में ब्लैक स्पाट और डेंजर जोन की सूची प्रशासन और लोनिवि या अन्य विभागों को उपलब्ध कराती है। इस वर्ष टिहरी पुलिस ने देवप्रयाग और मुनि की रेती क्षेत्र में कुछ डेंजर जोन की सूची दी, जिसके बाद सड़कों को सही किया गया। पुलिस के सुझावों पर कार्यवाही की जाती है।
- सवाल: सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए पुलिस जागरूकता के अलावा क्या किसी नई कार्ययोजना पर काम कर रही है।
- जवाब: सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए पुलिस जागरूकता कार्यक्रम नियमित रूप से चलाती है। इसके अलावा सड़कों पर चेकिंग अभियान भी चलाए जा रहे हैं। पुलिस अब जिले में प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी भी लगा रही है, जिससे तेज गति से वाहन चलाने वालों और यातायात नियमों की अनदेखी करने वालों पर नजर रखी जा सकेगी और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
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