Road Safety With Jagran: साइन बोर्ड के माध्यम से देते हैं चालकों को खतरे की जानकारी
Road Safety With Jagran दैनिक जागरण ने सड़क सुरक्षा से संबंधित पुलिस की नई कार्ययोजना को लेकर टिहरी गढ़वाल के सीओ ट्रैफिक सुरेंद्र बलूनी से बात की। उन्होंने कहा कि साइन बोर्ड के माध्यम से चालकों को खतरे की जानकारी देते हैं।
जागरण संवाददाता, नई टिहरी: Road Safety With Jagran: पहाड़ों में वाहन दुर्घटनाएं रोकने में पुलिस की बेहद अहम भूमिका है। नियमित चेकिंग और यातायात नियमों का पालन कराने में पुलिस नियमित रूप से चेकिंग और अन्य अभियान चलाती है, बावजूद इसके वाहन दुर्घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। अब पुलिस सिर्फ चेकिंग के भरोसे ही नहीं रहती, बल्कि जागरूकता अभियान भी चला रही है। सड़क सुरक्षा से संबंधित पुलिस की नई कार्ययोजना को लेकर 'दैनिक जागरण' ने टिहरी गढ़वाल के सीओ ट्रैफिक सुरेंद्र बलूनी से बात की।
सवाल: सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में पुलिस का चेकिंग अभियान कितना सफल हो रहा है। क्या चेकिंग के लिए पुलिस के पास पर्याप्त संसाधन हैं।
जवाब: जिले में पूरे वर्ष चेकिंग अभियान चलाते हैं। इस वर्ष अभी तक 61315 चालान किए गए हैं। चेकिंग के लिए पुलिस के पास पर्याप्त संसाधन हैं। जिले में हमारे पास दो ट्रैफिक इंस्पेक्टर, तीन ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर और दो इंटरसेप्टर वाहन हैं। एक इंटरसेप्टर वाहन मुनि की रेती क्षेत्र से लेकर कीर्तिनगर तक के लिए है और दूसरा वाहन टिहरी के पहाड़ी क्षेत्रों में संचालित किया जाता है।
सवाल: पहाड़ों में नशे में वाहन चलाना सबसे बड़ी समस्या है। अधिकतर हादसों का कारण भी नशे में ड्राइविग है। इस समस्या को दूर करने के लिए विभाग के पास नया प्लान क्या है।
जवाब: पहाड़ों में नशे में वाहन चलाने की प्रवृत्ति रोकने के लिए पुलिस का अभियान लगातार चलता रहता है। इस वर्ष हमने नशे में वाहन चलाने वाले 47 चालकों के चालान किए हैं। जिले में प्रत्येक थाना को एक एल्कोमीटर दिया गया है, जिससे चेकिंग की जाती है। इसके अलावा सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।
सवाल: पहाड़ों में चेकपोस्ट में चेकिंग को लेकर पुलिस की लापरवाही कई बार सामने आती है। चेकपोस्ट पर पुख्ता चेकिंग के लिए विभाग के पास क्या कार्ययोजना है।
जवाब: जिले में प्रवेश करने के लिए भद्रकाली चेकपोस्ट और कुमाल्डा चेकपोस्ट के अलावा कुछ अन्य मार्ग हैं। लेकिन कई बार वाहन चालक लिंक रोड या अन्य छोटे मार्गों के जरिये ओवरलोड वाहनों को लेकर जाते हैं। पुलिस नियमित रूप से दिन और रात को चेकपोस्ट पर चेकिंग अभियान चलाती है। अगर इसमें कोई भी लापरवाही सामने आती है तो संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है।
सवाल: नाबालिग और नौसिखिया वाहन चालक बड़ी संख्या में मुख्य सड़कों पर वाहन चलाते हैं। खासतौर पर स्कूली बच्चों के वाहन संचालन पर नकेल कसने के लिए विभाग की क्या तैयारी है।
जवाब: इस वर्ष पुलिस ने वाहन चलाने वाले 87 नाबालिगों के चालान किए हैं। स्कूली छात्रों को विशेष रूप से बिना लाइसेंस के वाहन न चलाने के निर्देश दिए जाते हैं। इसके लिए स्कूलों में भी जागरूकता कैंप आयोजित किए जाते हैं। नौसिखिया वाहन चालकों को भी चेकिंग के दौरान पकड़ा जाता है। दिसंबर में सुरक्षा सप्ताह के तहत चालकों को जागरूक किया जाएगा।
सवाल: जिले में ब्लैक स्पाट और डेंजर जोन में पुलिस ने सुरक्षा के लिए क्या व्यवस्थाएं की हैं। क्या यहां पर नियमित पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
जवाब: सड़क सुरक्षा समिति की बैठकों में डेंजर जोन और ब्लैक स्पाट चिह्नित किए जाते हैं, जिसके बाद चारधाम यात्रा के दौरान पुलिस वहां पर तैनात की जाती है। वहां पर साइन बोर्ड के माध्यम से भी चालकों को खतरे की चेतावनी दी जाती है। यात्रा के दौरान ऐसे स्थानों पर अतिरिक्त फोर्स भी तैनात किया जाता है।
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