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पीएम मोदी ने टिहरी के ग्राम प्रधान से की बात, कहा-पहाड़ की जवानी और पानी आने लगे पहाड़ के काम

सोमवार को नई टिहरी एनआइसी से तुणगी के 23 वर्षीय प्रधान अरविंद ने प्रधानमंत्री को बताया कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने गंगा नदी के सहायक गदेरों से सिंचाई नहर निकालकर अपनी ग्राम सभा में खेतों तक पानी पहुंचाया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 04:20 PM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 04:20 PM (IST)
पीएम मोदी ने टिहरी के प्रधान से की जल सरंक्षण पर बात।

जागरण संवाददाता, नई टिहरी। देवप्रयाग क्षेत्र की ग्राम पंचायत तुणगी के प्रधान अरविंद सिंह जियाल के लिए 'विश्व जल दिवस' का मौका यादगार रहा। इस दौरान उन्हें वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने, बल्कि उनके साथ गांव में जल संरक्षण के लिए किए कार्यों के अनुभव साझा करने का मौका भी मिला। प्रधानमंत्री ने उनसे कहा कि, 'पहाड़ की जवानी और पानी, अब पहाड़ के काम आने लगे हैं। युवा प्रधान इस कार्य को बखूबी अंजाम दे रहे हैं।' 

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सोमवार को नई टिहरी एनआइसी से तुणगी के 23 वर्षीय प्रधान अरविंद ने प्रधानमंत्री को बताया कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने गंगा नदी के सहायक गदेरों से सिंचाई नहर निकालकर अपनी ग्राम सभा में खेतों तक पानी पहुंचाया। अब वहां खेतों से बेहतर उत्पादन तो मिल ही रहा है, आसपास के प्राकृतिक जलस्रोत भी रिचार्ज हो रहे हैं। जल स्रोतों के पास फलदार पौधे भी लगाए गए हैं। अरविंद ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि ग्रामीणों के स्नानघरों व वर्षा का जो पानी रास्तों में बहता रहता था, उसे रोकने के लिए सोख्ता गड्ढों का निर्माण किया गया है। इससे भूमिगत जल का स्तर बढ़ रहा है। ग्रामसभा में सिंचाई के लिए बरसात का पानी रोकने को चेकडैम और चाल-खाल बनाई गई हैं। 

अरविंद की इस बात पर प्रधानमंत्री ने कहा कि अक्सर जब वह उत्तराखंड आते थे तो कहते थे, पहाड़ की जवानी और पानी पहाड़ के काम नहीं आता। युवा लोग रोजगार के लिए पलायन कर जाते हैं और पानी बह जाता है। लेकिन, युवा प्रधान अरविंद पहाड़ के पानी को रोककर पहाड़ की जवानी को भी पहाड़ के उपयोग में लाने के काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक रुहेला ने बताया कि तुणगी में जल संरक्षण के लिए बेहतर कार्य किया जा रहा है। इस संबंध में जिलाधिकारी टिहरी ईवा आशीष का कहना है कि अरविंद ने गांव में जो प्रयोग किया, वह सफल हो रहा है। अब जिले के अन्य गांवों में भी इसे लागू करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। निश्चित रूप से यह जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है।

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