अंतिम दिन पांडव पश्वा ने किए बूढ़ाकेदार के दर्शन
संवाद सहयोगी, नई टिहरी: बूढ़ाकेदार में चल रही पांडव नृत्य के अंतिम दिन पांडव पात्रों ने बूढ़ाकेदार क
संवाद सहयोगी, नई टिहरी: बूढ़ाकेदार में चल रही पांडव नृत्य के अंतिम दिन पांडव पात्रों ने बूढ़ाकेदार के दर्शन व पूजा-अर्चना कर इसका समापन हो गया। समापन पर सबसे पहले डाली तोड़ी गई। इसके बाद पांडवों के पात्रों ने बूढ़ाकेदार धाम में जाकर पूजा की। सभी की सुख-समृद्धि की कामना के साथ ही पांडव नृत्य का समापन हुआ। पांडवनृत्य के समापन पर पर ग्रामीण भी भाव विभोर हो गए।
बूढ़ाकेदार में तीन साल बाद पांडव नृत्य का आयोजन होता है इसलिए इस आयोजन में ग्रामीणों क भारी भीड़ उमड़ती है। बीती मंगवार की रात्रि को आयोजन स्थल पर डाली लगाई गई और पूरी रात को ग्रामीणों ने यहां पर रात्रि जागरण किया। बुधवार को हल्की बारिश के बाद डाली काटी गई। इसके बाद पांडव के पात्रों ने चावल के रूप में लोगों को आशीर्वाद दिया। बताया जाता है कि गोत्रहत्या के पाप से मुक्ति के लिए जब पांडव यहां से स्वर्गारोहण को जा रहे थे तब इस स्थान पर भगवान शिव ने उन्हें बूढ़े व्यक्ति के रूप में दर्शन दिए और उनकी समस्या का निवारण किया इसलिए अंतिम दिन पांडवों के पात्रों ने बूढ़ाकेदार मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की और इसके साथ ही पांडव नृत्य का समापन हो गया। पांडव नृत्य के अवसर पर यहां कई जनप्रतिनिधि व दूर-दराज क्षेत्रों से लोग पहुंचे। आयोजकों ने पांडवनृत्य के सफल आयोजन के लिए सभी का धन्यवाद दिया। इस मौके पर गोपेश्वर प्रसाद जोशी, बूढ़ाकेदार मंदिर समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र नेगी, प्रधान सनोप राणा, प्रकाश राणा, पूर्व प्रधान धीरेंद्र नौटियाल, हिम्मत रौतेला, ऋषभदेव बहुगुणा, सतीश रतूड़ी आदि मौजूद थे।