मजदूरों के सामने रोजी-रोटी के लाले
संवाद सहयोगी, चंबा: चंबा-बहेड़ा नागदेव पथल्ड मोटर मार्ग पर काम करने वाले दो दर्जन से अधिक नेपाली मूल
संवाद सहयोगी, चंबा: चंबा-बहेड़ा नागदेव पथल्ड मोटर मार्ग पर काम करने वाले दो दर्जन से अधिक नेपाली मूल के मजदूरों के पास खाने के लिए राशन नही है और न ही उनके पास कोरोना वायरस से बचाव का कोई सामान है। प्रशासन की नजर अभी इन मजदूरों पर नही पड़ी है।
चंबा-बहेड़ा नागदेव पथल्ड मोटर मार्ग पर काम करने वाले इन मजदूरों का डेरा कुछ दिनों से कुड़ियाल गांव के पास हैं। जहां वे सड़क किनारे झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। सड़क बनाने वाले करीब दो दर्जन से अधिक नेपाली मूल के मजदूरों के पास खाने के लिए राशन नही है। कोरोना वायरस के चलते जब से लॉकडाउन हुआ है वे एक ही जगह पर हैं और मदद मांगने कहीं जा भी नही सकते हैं। सड़क का काम बंद है और उनके पास जो राशन था वह खत्म हो गया है। पैसे भी उनके पास नही हैं कि कहीं से राशन ला सके। अब एक ओर भोजन का संकट जो दूसरी और कोरोना वायरस से बचाव के लिए उनके पास मास्क आदि कुछ भी नही है। खास बात यह है कि ये मजदूर अभी प्रशासन के नजरों से दूर हैं। सड़क किनारे रहने के कारण बीते रोज इन्होंने वहां से जा रहे ग्राम डांगसारी निवासी सेना के पूर्व सूबेदार राजेन्द्र प्रसाद बिजल्वाण को अपनी आपबीती सुनाई। राजेन्द्र प्रसाद बिजल्वाण ने बताया कि 27 नेपाली मूल के लोग वहां रह रहे हैं जिनमें पुरूष व महिलाओं के अलावा कुछ छोटे बच्चे भी हैं,लेकिन उनके पास राशन नही हैं। सोमवार को उन्होंने अपने मित्र त्रिलोक सिंह, गोपाल सिंह आदि के सहयोग मजदूरों को कुछ राशन उपलब्ध कराया है। चिताजनक बात यह है कि कोरोना वायरस के चलते एक ओर कहा जा रहा है कि चार से अधिक लोग एक जगह नहीं रह सकते और वह भी शारीरिक दूरी बनाकर। तो फिर उक्त मजदूर जो दो दर्जन से अधिक हैं और एक ही जगह पर रह रहे हैं वह सुरक्षित कैसे रह पाएंगे। वहीं इस बारे में जब एसडीएम फिचाराम चौहान से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन रिसीव नही किया।
मजदूरों का राशन समाप्त
गोपेश्वर: चमोली जिले में लॉक डाउन के बाद कई मजदूर अभी भी फंसे हुए हैं। इन मजदूरों के पास उपलब्ध राशन समाप्त हो चुकी है। ऐसे में इनके सामने खाद्यान्न संकट पैदा हो गया है। ल्यारी कल्पेश्वर मोटर मार्ग पर कार्य कर रहे नेपाली व अन्य मजदूरों के सामने भी यह स्थिति सामने आई। लॉक डाउन के चलते बची राशन समाप्त हो गई। ऐसे में बड़गिडा गांव के ग्रामीण इन मजदूरों की मदद के लिए आगे आए और उन्होंने इन्हें राशन मुहैया कराई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सेनिटाइज नहीं
कर्णप्रयाग/गौचर: पोखरी के बूंगाघाटी में सूगी, करछुना, कुमेड़ा, रानो व बमोथ सहित कर्णप्रयाग के सिरण, सिद्रवाणी, झिरकोटी व बोंला में कीटनाशक की कमी के चलते गांवों कोरोना संक्रमण के चलते छिड़काव नही हो पा रहा है। और न ही मास्क हैं। वहीं गांवों में अब तक जरूरतमंदों तक प्रशासन की ओर से राशन कीट भी उपलब्ध नही हो सके हैं। ग्रामीणों ने गांव में पर्याप्त मात्रा में राशन व ब्लीचिंग उपलब्ध कराने की मांग प्रशासन से की है। पूर्व प्रधानसंघ अध्यक्ष खिलदेव सिंह ने बताया कि एक ओर सरकार गांव-गांव तक राशन उपलब्ध कराने की बात कर रही है, वहीं कपीरी क्षेत्र के गांवों में ना तो जरूरतमंदों तक राशन पहुंच रही है और न ही कीटनाशकों का पर्याप्त छिड़काव हो पाया है।