डोबरा-चांटी पुल पर लगाए गए 12 सेंसर
जागरण संवाददाता, नई टिहरी: डोबरा-चांटी पुल निर्माण मे आ रही बाधाओं से निपटने के लिए लोक निर्माण विभा
जागरण संवाददाता, नई टिहरी: डोबरा-चांटी पुल निर्माण मे आ रही बाधाओं से निपटने के लिए लोक निर्माण विभाग ने इस पुल पर 12 सेंसर लगाए हैं। यह अत्याधुनिक सेंसर पुल के दोनों टावर पर लगाए गए हैं। इन सेंसर से पुल के ढांचे में होने वाली हल्की सी हलचल भी पकड़ में आ जाएगी। इसी वर्ष अगस्त में पुल के सस्पेंडर टूटने के बाद अब विभाग किसी तरह का जोखिम उठाने के मूड में नहीं है। इसी कारण सेंसर लगाए गए हैं।
इसी वर्ष 23 अगस्त को डोबरा पुल के चांटी एबेडमेंट की तरफ लगाए जा रहे तीन सस्पेंडर अचानक टूट गए थे और पुल का निर्माणाधीन हिस्सा तिरछा हो गया। इसके बाद से अभी तक पुल का काम बंद है। अचानक हुए इस हादसे के बाद लोनिवि निर्माण खंड और दक्षिण कोरियाई कंपनी योसीन ने पुल की सुरक्षा को लेकर दोबारा रणनीति तैयार की। इन दिनों रांची से आए विशेषज्ञ पुल के सस्पेंडर की सॉके¨टग कर रहे हैं। वहीं, पुल के दोनों टावर पर भी विदेशी कंसलटेंट के निर्देश पर 12 अत्याधुनिक सेंसर लगा दिए गए हैं। यह सेंसर पुल के ढांचे में होने वाले हल्की सी हलचल को भी पकड़ लेंगे और अधिकारियों को इसकी जानकारी देंगे। हर तीसरे दिन कंप्यूटर से जोड़कर इन सेंसर का डेटा लिया जाता है। पुल निर्माण कर रही कंपनी और विभाग अब निर्माण के दौरान किसी भी तरह का जोखिम लेने के मूड में नहीं है। डोबरा पुल का काम वर्ष 2006 में शुरू हुआ था और वर्ष 2010 में डिजाइन सही न होने के कारण बंद हो गया था। तब तक पुल निर्माण पर एक अरब 35 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए थे। इसके बाद वर्ष 2016 में दोबारा पुल का निर्माण डेढ़ अरब की लागत से शुरू किया गया था। पुल का काम तेजी से चल रहा था, लेकिन अगस्त में सस्पेंडर टूटने के बाद फिर से पुल निर्माण अधर में लटक गया है। पुल की सुरक्षा को देखते हुए 12 सेंसर लगाए गए हैं, जो पुल में होने वाले किसी भी तरह के परिवर्तन का डेटा देते हैं।
केएस असवाल, प्रोजेक्ट इंजीनियर डोबरा-चांटी पुल