शिक्षा प्रेरकों ने नौकरी में बहाली की मांग की
संवाद सहयोगी, नई टिहरी: साक्षर भारत योजना के तहत जिले में चयनित 19 सौ शिक्षा प्रेरकों ने उन्हें दोबा
संवाद सहयोगी, नई टिहरी: साक्षर भारत योजना के तहत जिले में चयनित 19 सौ शिक्षा प्रेरकों ने उन्हें दोबारा रोजगार देने के साथ ही बकाया मानदेय का भुगतान किए जाने की मांग की है। उन्होंने टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह को ज्ञापन देकर इस मामले में सरकार का ध्यान आकृष्ट करने की मांग की है।
शिक्षा प्रेरकों का कहना है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से संचालित साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड के अंतर्गत टिहरी, उत्तरकाशी, हरिद्वार, चंपावत, बागेश्वर और ऊधम¨सह नगर में ग्राम पंचायत स्तर पर दो प्रेरक एक सामान्य व एक अनुसूचित वर्ग से वर्ष 2009 से कार्यरत थे। यह प्रेरक विगत नौ वर्ष से चुनाव, साक्षरता, प्रधानमंत्री बीमा योजना में सहयोग के साथ ही सरकारी योजना का प्रचार, पल्स पोलियो आदि महत्वपूर्ण कार्यों में अहम भूमिका निभाते आ रहे हैं। लेकिन 31 मार्च 2018 से सरकार ने शिक्षा प्रेरकों की सेवाएं रोक दी, जिससे उनके सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया। साथ ही 22 माह का मानदेय भुगतान भी अभी तक नहीं किया गया है, जिससे उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि इस कार्यक्रम में 75 प्रतिशत महिलाएं कार्यरत थी, जो कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से हैं। उन्होंने सांसद से मांग की कि पुन: रोजगार देकर बकाया भुगतान किया जाए। ज्ञापन देने वालों में संगठन की जिलाध्यक्ष सुनीता पंवार, रेखा चौहान, लक्ष्मी नेगी, सीता चौहान, सुनील त्रिपाठी, जयप्रकाश उत्तम नकोटी आदि शामिल थे।